उत्तर प्रदेश

मंदाकिनी तट पर ऐतिहासिक गधा मेला बना आकर्षण का केंद्र

लखनऊ :दीपावली अमावस्या पर आयोजित पांच दिवसीय मेले में दीपदान की रौनक अपने चरम पर रहती है। इसी कड़ी में आज भी मंदाकिनी नदी के तट पर तीन दिवसीय ऐतिहासिक गधा मेला आयोजित किया जाता है। यह मेला दिवाली के दूसरे दिन सैकड़ों सालों से लगता आ रहा है और स्थानीय आकर्षण का केंद्र होने के साथ-साथ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। मेले में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार के विभिन्न जिलों के व्यापारी और जरूरतमंद गधों की खरीद-बिक्री के लिए आते हैं। यहां गधों की बोली भी लगाई जाती है, जो हजारों में होती है।

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