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‘सेवा पर्व’ के अवसर पर रांची में ‘खादी महोत्सव-2025’ के अंतर्गत खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने भव्य वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया.

रांची 27 सितंबर 2025: माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी’ के संकल्प को जन-जन तक पहुंचाने की दिशा में ‘खादी महोत्सव-2025’ के अंतर्गत खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शुक्रवार को रांची के जैप, डोरंडा में एक भव्य वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री और रांची से सांसद श्री संजय सेठ थे। इस अवसर पर केवीआईसी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार और रांची से विधायक श्री सी. पी. सिंह उपस्थित रहे। वितरण कार्यक्रम में कुम्हारों को कुम्हार सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत विद्युत चालित चाक तथा कारीगरों को इलेक्ट्रिशियन टूलकिट का वितरण किया गया। वितरण कार्यक्रम से पूर्व रांची के शौय सभागार, जैप-1, डोरंडा से होते हुए गोरखा चौक तक ‘आत्मनिर्भर नवभारत यात्रा’ का आयोजन किया गया; जिसमें स्कूली छात्र-छात्राओं, खादी कारीगर तथा स्थानीय लोगों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि, केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री श्री संजय सेठ ने कहा कि आर्मी कैंटीन से खादी और ग्रामोद्योग के उत्पादों को जोड़ा जाएगा। सैनिकों को खादी और ग्रामोद्योग के उत्पाद जैसे- शहद, साबुन, शैंपू, कपड़े जल्द आर्मी कैंटीन में मिलने लगेंगे। इस दौरान उन्होंने पूर्व सैनिकों को भी केवीआईसी की योजनाओं से जुड़ने की अपील की। उन्होंने आगे कहा कि जिन कुम्हारों को विद्युत चालित चाक तथा कारीगरों को इलेक्ट्रिशियन टूलकिट प्रदान की जा रही है, वे उनके जीवन में नया आधार, आत्मविश्वास और सम्मान प्रदान करेंगी। ग्रामीण भारत की समृद्धि का मार्ग इन्हीं कुशल हाथों से होकर गुजरता है। उन्होंने प्रधानमंत्री जी के देश में शत-प्रतिशत स्वदेशी अपनाने के संकल्प तथा विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता कम करने की दिशा में केवीआईसी की पहल की सराहना की और इसे देश के विकास में एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने झारखंड की युवा पीढ़ी से आह्वान किया कि वे रोजगार की तलाश में दर-दर भटकने के बजाय अपने घरों में रहकर स्वरोजगार को अपनाएं, ताकि हमारे देश के होनहार युवाओं की शक्ति राष्ट्र के विकास में उपयोगी हो सके और देश की बेरोजगारी दूर करने में उनकी भूमिका सार्थक सिद्ध हो।

इस अवसर पर अध्यक्ष, केवीआईसी श्री मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार स्वदेशी को आत्मनिर्भर भारत का आधार बताया है। स्वदेशी केवल एक उत्पाद नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की पहचान है। अपने गांव, अपने कारीगर और अपने उद्योग को प्राथमिकता देना हम सबका कर्तव्य है। इसी भावना से ‘हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी’ अभियान चलाया जा रहा है, जिससे स्थानीय कारीगरों का सम्मान और उनका आर्थिक सशक्तिकरण संभव हो सके।

अध्यक्ष, केवीआईसी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किया गया जीएसटी सुधार खादी जगत के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। अब खादी उत्पादों पर जीएसटी शून्य कर दिया गया है, जिससे खादी कारीगरों और उद्योगों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। इस निर्णय से खादी के उत्पादन, बिक्री और लोकप्रियता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी तथा देशभर में खादी के प्रति लोगों की रुचि और जागरूकता बढ़ेगी।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से खादी और ग्रामोद्योग ने गांव-गांव तक ‘कारीगर क्रांति’ की एक नई अलख जगाई है। वित्त वर्ष 2024-25 में खादी और ग्रामोद्योग का कुल उत्पादन 1,16,599 करोड़ रुपये तथा बिक्री 1,70,551 करोड़ रुपये रही है, जिससे लगभग 2 करोड़ लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ।” उन्होंने आगे बताया, “पिछले 11 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र में उत्पादन 4 गुना, बिक्री 5 गुना और रोजगार 49 प्रतिशत तक बढ़ा है। यह अभूतपूर्व प्रगति प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हुए आर्थिक और सामाजिक बदलाव की मिसाल है।”

राज्य कार्यालय, रांची की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए चेयरमैन ने बताया कि झारखंड में 22 खादी की संस्थाओं के माध्यम से 2903 कारीगरों को रोजगार प्रदान किया जा रहा है। पिछले पांच वर्षों में यहां पर 95.10 करोड़ रुपये का खादी उत्पादन और 212.80 करोड़ रुपये की बिक्री हुई है। उन्होंने बताया की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के अंतर्गत पिछले 5 वर्षों में झारखंड में 8620 नई इकाइयों की स्थापना हुई है, जिसके लिए भारत सरकार ने 215.82 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण किया है। पीएमईजीपी के माध्यम से पिछले पांच वर्षों में झारखंड में 73316 नये रोजगार का सृजन हुआ है। झारखंड में ग्रामोद्योग विकास योजना की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए अध्यक्ष केवीआईसी ने बताया कि यहां पर पिछले 5 वर्षों में 2862 लाभार्थियों को 4891 मशीन और टूलकिट का वितरण किया गया है। केवीआईसी के गैर विभागीय प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से यहां पर पिछले 5 वर्षों में 1731 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान कर विकसित भारत अभियान से जोड़ा गया है।

पिछले वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान मधुमक्खी पालन के तहत 100 लाभार्थियों को 1000 मधुमक्खी कॉलोनी एवं बॉक्स, 200 विद्युत चालित कुम्हारी चाक, 100 लाभार्थियों को इमली प्रशोधन से संबंधित 10 मशीन एवं टूल किट, फल प्रशोधन के तहत 60 लाभार्थियों को मशीन एवं टूलकिट, केन एवं बैम्बू संबंधित 200 लाभार्थियों को 20 मशीन एवं टूलकिट, चर्मोद्योग के तहत 10 लाभार्थियों को मशीन एवं टूलकिट व वनडे क्रैश कोर्स के तहत 50 लाभार्थियों को टूलकिट, अगरबत्ती निर्माण के तहत 20 लाभार्थियों को मशीन एवं टूल किट, दोना पत्तल प्लेट निर्माण के तहत 40 लाभार्थियों को 8 मशीन एवं टूलकिट, सबाई घास बान मेकिंग के तहत 40 लाभार्थियों को 4 मशीन एवं टूल किट, ग्रामीण अभियांत्रिकी में वेस्टवुड क्राफ्ट के तहत 20-20 लाभार्थियों को टूलकिट प्रदान किए गए, सेवा क्षेत्र से संबंधित कार्य हेतु 20 लाभार्थियों को इलेक्ट्रिशियन टूलकिट एवं 80 लाभार्थियों को सिलाई मशीन का वितरण किया गया।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में कारीगर, महिला लाभार्थी, खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि, अन्य ग्रामीण उद्यमी, झारखंड सरकार और केवीआईसी के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

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