
भोपाल। सीबीआई, जबलपुर के विशेष न्यायाधीश ने बुधवार को रिश्वतखोरी के एक मामले में आरोपी योगेश अरोड़ा, तत्कालीन सहायक अभियंता, एलआईसी, जबलपुर को दोषी ठहराते हुए चार साल के कठोर कारावास (आरआई) और 10,000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 अगस्त, 2011 को आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उस पर आरोप था कि उसने शिकायतकर्ता से एलआईसी कार्यालयों में किए गए विद्युत रखरखाव कार्यों के लिए 93,000 रुपए के बिल की तैयारी और भुगतान में आधिकारिक कृपा दिखाने के बदले में 20,000 रुपए की रिश्वत मांगी थी। साथ ही शिकायतकर्ता द्वारा एलआईसी कार्यालय में किए गए विभिन्न छोटे विद्युत रखरखाव और आपूर्ति कार्यों के लिए 35,000-40,000 रुपए के लंबित बिलों को संसाधित करने और उनका भुगतान करने के लिए रिश्वत मांगी थी।सीबीआई ने जाल बिछाया और आरोपी को शिकायतकर्ता से 10,000 रुपए की रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। विस्तृत जांच के बाद सीबीआई ने 31 जनवरी, 2012 को आरोपी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया और औपचारिक रूप से कानूनी कार्यवाही शुरू की। अदालत ने सुनवाई पूरी करने के बाद बुधवार को रिश्वतखोरी के मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपी को दोषी ठहराया और सजा सुनाई।