ओबीसी बैकलॉग पदों पर हाईकोर्ट में सरकार ने नहीं दिया कोई जवाब

भोपाल। मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग में ओबीसी सहायक प्राध्यापकों के बैकलॉग पदों के संबंध में सोमवार को जबलपुर स्थित हाईकोर्ट की मुख्य पीठ में न तो मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) और न ही राज्य सरकार ने कोई जवाब पेश किया। मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था, लेकिन कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया। अगली सुनवाई 9 सितंबर को निर्धारित है।
याचिका में एमपीपीएससी द्वारा 30 दिसंबर, 2024 को जारी एक विज्ञापन को चुनौती दी गई है, जिसमें ओबीसी श्रेणी के तहत 31 बैकलॉग पदों का उल्लेख किया गया था। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि 30 दिसंबर, 2022 को प्रकाशित एक पूर्व विज्ञापन में ये पद शामिल नहीं थे, जिसमें अंग्रेजी विषय में सहायक प्राध्यापक के 200 पदों की अधिसूचना जारी की गई थी। वह भर्ती प्रक्रिया अभी चल रही है।
याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर ठाकुर ने कहा कि वे 2022 की परीक्षा में शामिल हुए थे, लेकिन उनका चयन नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि कई ओबीसी उम्मीदवारों को 13% कोटे के भीतर सीमित कर दिया गया था।
उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट के फैसलों में साफ़ कहा गया है कि बैकलॉग के रिक्त पद केवल संबंधित वर्ग से ही भरे जाने चाहिए। एमपीपीएससी ऐसा करने में विफल रहा। 2022 की भर्ती में बैकलॉग के रिक्त पदों को नज़रअंदाज़ कर दिया गया, जिन्हें 2019 से पहले भर दिया जाना चाहिए था और 2024 के विज्ञापन में ओबीसी कोटे में हेरफेर किया गया।