Air India Plane Crash सिस्टम की विफलता या पक्षी का टकराना हो सकता है वजह

अहमदाबाद। सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के दो मिनट बाद ही एयर इंडिया बोइंग ड्रीमलाइनर 737 दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें सवार सभी 241 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य मारे गए। विमान लंदन जा रहा था।
वरिष्ठ विमानन विशेषज्ञों के अनुसार, दुर्घटना मानवीय भूल या खराब मौसम के कारण होने की संभावना नहीं है, दोनों ही कारणों से इनकार किया गया है। इसके बजाय उन्हें इंजन की विफलता, हाइड्रोलिक सिस्टम की खराबी और संभवतः पक्षी के टकराने का संदेह है, क्योंकि उन्नत विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद आग के गोले में बदल गया। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) अब गहन जांच करेगा। आधिकारिक निष्कर्ष लगभग 30 दिनों में आने की उम्मीद है, जो इन संदिग्ध कारणों की पुष्टि या खंडन कर सकते हैं।
शीर्ष विमानन दिग्गजों का मानना है कि दो-तीन बातें समझने की जरूरत है। यहां पायलट की कोई गलती नहीं है। दोनों पायलट बहुत अनुभवी थे और मौसम साफ था। सामान्य उच्च तापमान पर 70 टन ईंधन के साथ लंबी दूरी की उड़ान से विमान पर दबाव बढ़ सकता था। अगर दोनों इंजन और हाइड्रोलिक सिस्टम फेल हो जाते या इंजन में कोई पक्षी फंस जाता तो यह संयोजन विमान को आग के गोले में बदल सकता था
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ऐसे मामलों में तत्काल जांच शुरू करता है। उनके प्रारंभिक निष्कर्ष आमतौर पर 30 दिनों के भीतर उपलब्ध होते हैं। AAIB की अंतिम रिपोर्ट न केवल इस दुर्घटना के कारण की पहचान करने में महत्वपूर्ण होगी, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में भी मदद करेगी
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाओं से यात्रियों में व्यापक भय पैदा होता है। उस भय को कम होने में समय लगता है, लेकिन शुक्र है कि भारत में ऐसी घातक दुर्घटनाओं की दर बेहद कम है। इससे हवाई यात्रा में लोगों का विश्वास और मनोबल बनाए रखने में मदद मिलती है।