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पाक को वित्तीय सहायता आतंकवाद को वित्त पोषण : राजनाथ

भुज। पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार पर अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की निगरानी की मांग करने के एक दिन बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को वाशिंगटन स्थित वैश्विक ऋणदाता, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से पाकिस्तान को दिए जाने वाले वित्तपोषण पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। राजनाथ ने कहा, ..मेरा मानना ​​है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से प्राप्त धन का एक बड़ा हिस्सा अपने देश में आतंकी ढांचे पर खर्च करेगा।

भारत चाहता है कि आईएमएफ पाकिस्तान को दिए जाने वाले वित्तपोषण पर पुनर्विचार करे। राजनाथ सिंह गुजरात के भुज में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) कर्मियों को संबोधित कर रहे थे, जब उन्होंने कहा, पाकिस्तान को किसी भी तरह की वित्तीय सहायता आतंकवाद के वित्तपोषण से कम नहीं है। आईएमएफ को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।

आईएमएफ ने 9 मई को अपने 7 बिलियन डॉलर के विस्तारित फंड सुविधा (ईएफएफ) ऋण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में पाकिस्तान के लिए 1 बिलियन डॉलर का हिस्सा और शुक्रवार को आयोजित अपनी बोर्ड बैठक में लचीलापन और स्थिरता सुविधा (आरएसएफ) के तहत 1.3 बिलियन डॉलर का हिस्सा मंजूर किया था। भारत ने बैठक में मतदान से परहेज करते हुए कहा था कि इस फंड का दुरुपयोग राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया जा सकता है।

भारत का विरोध हाल ही में पाकिस्तान के साथ हुए सैन्य संघर्ष से उपजा है, जब 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें से ज़्यादातर पर्यटक थे।

गुरुवार को श्रीनगर में बादामी बाग छावनी में सैनिकों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के “गैर-जिम्मेदाराना” आचरण की ओर इशारा किया और आग्रह किया कि पड़ोसी देश के परमाणु शस्त्रागार को IAEA की निगरानी में आना चाहिए।

भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया था।

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