नौकरी या पैसा नहीं चाहिए, बस पति के लिए शहीद का दर्जा: शुभम की पत्नी

कानपुर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले में शुभम द्विवेदी सहित 26 लोगों की जान चली गई। इसके दस दिन बाद शुभम द्विवेदी की पत्नी आशन्या ने गुरुवार को कहा कि अपराधियों के खिलाफ अभी तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है। शुभम द्विवेदी पहलगाम के बैसरन इलाके में 22 अप्रैल को हुए हमले में मारे गए पीड़ितों में से एक थे, जिसमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे। आशन्या ने कहा कि वह नौकरी या मुआवजे की मांग नहीं कर रही हैं, बल्कि केवल यह चाहती हैं कि उनके पति को शहीद का दर्जा दिया जाए। उन्होंने कहा, न तो शुभम को शहीद का दर्जा मिला है, न ही सरकार ने हत्याओं के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को खत्म किया है। मुझे नौकरी या पैसा नहीं चाहिए। बस मेरे शुभम के लिए शहीद का दर्जा चाहिए। मैं इस दर्द को जीवन भर झेलूंगी।
अब बाहर जाने से डर रही आशान्या ने कहा कि वह खुद को एक कमरे में बंद कर लेती है, जहाँ वह शुभम की तस्वीर और हमले के दौरान पहनी गई शर्ट को निहारती रहती है। हमले के बाद से उसे जो सदमा लगा है, उसे याद करते हुए उसने कहा, यहाँ तक कि टायर फटने या तेज़ आवाज़ से भी मैं काँप उठती हूँ।
बुधवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने महाराजपुर स्थित उनके आवास पर शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की। आशान्या ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस नेता के सामने अपनी माँग रखी, जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर शुभम के लिए शहीद का दर्जा माँगेंगे। उन्होंने कहा, राहुल जी ने संसद में भी इस मामले को उठाने का वादा किया है।
आशान्या ने सरकार से हत्याओं के पीछे के आतंकवादियों के खिलाफ ठोस और तत्काल कार्रवाई करने का भी आग्रह किया। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह कभी दोबारा कश्मीर जाने के बारे में सोचेंगी, तो उन्होंने कहा, कभी नहीं। एक बार भी नहीं।