राज्य

9 साल के बच्चे की गड्ढे में डूबने से हुई मौत, दिल्ली जल बोर्ड को 22 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश

दिल्ली हाई कोर्ट ने DJB को एक दंपती को 22 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। बारिश के पानी से भरे एक गड्ढे में गिरने से दंपती के 9 साल के बेटे की 8 साल पहले मौत हो गई थी। कोर्ट ने माना कि दिल्ली जल बोर्ड की लापरवाही से यह हादसा हुआ है। हाई कोर्ट ने कहा कि गड्ढे के आसपास जरूरी सावधानी बरतना DJB की प्राथमिक जिम्मेदारी थी, जिसे पूरा करने में उसके अधिकारी विफल रहे।

दिल्ली जल बोर्ड को मुआवजा देने का आदेश
घटना जुलाई 2016 की है। बच्चा अन्य बच्चों के साथ पतंग उड़ा रहा था। पतंग का पीछा करते हुए वह DJB के खाली प्लॉट कर ओर भागा और वहां खोदे गए गड्ढे में गिर गया। इस गड्ढे में बारिश का पानी भरा था। जब बच्चा घर नहीं लौटा तो परिवारवालों ने अन्य बच्चों से पूछताछ की। इसके बाद गड्ढे से उसका शव मिला। माता-पिता ने दिल्ली जल बोर्ड (DJB) की कथित लापरवाही के कारण अपने बच्चे की मौत के लिए मुआवजे की मांग करते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

DJB को TPDDL या ठेकेदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
जस्टिस ने कहा कि अगर DJB के मुताबिक, टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन प्राइवेट लिमिटेड (TPDDL) ने जमीन के रखरखाव में लापरवाही बरती है, तो DJB कानून के अनुसार जमीन के संबंध में किसी भी लापरवाही के लिए TPDDL या उसके ठेकेदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने के लिए स्वतंत्र है।

लापरवाही का आरोप TPDDL पर
DJB ने दावा किया कि जब घटना हुई] तब जमीन TPDDL के कब्जे में थी। साथ ही आरोप लगाया कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना TPDDL की ओर से लापरवाही और बच्चे की आंशिक लापरवाही का नतीजा थी। TPDDL के वकील ने कहा कि याचिका उसके खिलाफ सुनवाई के योग्य नहीं है। याचिकाकर्ताओं ने न तो उसके खिलाफ कोई आरोप लगाया है और न ही विशेष रूप से उसकी ओर से किसी लापरवाही का आरोप है।

DJB को जिम्मेदार ठहराया
हाई कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड से यह साफ है कि जमीन का वो हिस्सा (जहां गड्ढा खोदा गया था) TPDDL के लिए निर्धारित नहीं था, बल्कि DJB के कब्जे में था। जजमेंट में कोर्ट ने कहा कि भले ही यह मान लिया जाए कि जमीन TPDDL को दी गई थी, लेकिन DJB जमीन का मुख्य मालिक होने के नाते अपने दायित्व से बच नहीं सकता है।

Related Articles

Back to top button
× click to chat whatsapp