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मोदी ने संविधान नहीं पढ़ा, देश में 8% आदिवासी, संसाधनों में सिर्फ 1% हिस्सेदारी : राहुल

मुंबई| राहुल ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी संविधान पढ़ा नहीं है, इसलिए उन्हें लगता है कि संविधान की लाल किताब खाली है। वे महाराष्ट्र के नंदुरबार में रैली को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान संविधान की प्रति दिखाते हुए उन्होंने कहा, भाजपा को किताब का लाल रंग पसंद नहीं, लेकिन हमें इसकी परवाह नहीं कि रंग लाल है या नीला। हम इसे (संविधान) बचाने के लिए अपनी जान भी देने को तैयार हैं।

दरअसल, चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी द्वारा दिखाई जाने वाली लाल किताब को शहरी नक्सलवाद से जोड़ने की कोशिश की थी। पीएम मोदी ने भी 9 नवंबर को तंज किया था कि राहुल गांधी संविधान की जो किताब लेकर घूम रहे हैं, उसके पन्ने खाली हैं।

राहुल ने आगे कहा, अभी 8% आदिवासी आबादी के पास संसाधनों में सिर्फ 1% हिस्सेदारी है। भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) आदिवासियों को ‘वनवासी’ कहकर उनका अपमान करते हैं।

आदिवासी देश के पहले मालिक हैं। जल, जंगल और जमीन पर पहला हक उनका है, लेकिन भाजपा चाहती है कि आदिवासी बिना किसी अधिकार के जंगल में रहें। उन्होंने दावा किया कि सरकार चलाने वाले 90 अधिकारियों में से केवल एक आदिवासी समुदाय से है।

इन्हें देश के विकास में खर्च के लिए अगर 100 रुपए मिलते हैं तो आदिवासी अधिकारी के हिस्से केवल 10 पैसे आते हैं। देश में 100 नागरिकों में आठ आदिवासी हैं, जबकि भागीदारी 100 रुपए में सिर्फ 10 पैसे है। आदिवासी अधिकारी को अच्छे विभाग भी नहीं दिए जाते।

राहुल गांधी ने झारखंड के बाघमारा और जमशेदपुर में कहा- मोदी जी अंबानी की शादी में जाते हैं, लेकिन किसी गरीब के यहां शादी में नहीं जाते। एक बार मैंने देखा कि वे तार के पीछे खड़े गरीब बच्चों से झिझककर मिले रहे थे। हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री गरीबों, किसानों, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों के पास जाते ही नहीं हैं। इससे पता चलता है कि वो आपके नहीं हैं।

राहुल ने कहा- देश में करीब 50% OBC, 15% दलित, 8% आदिवासी और 15% अल्पसंख्यक हैं। लेकिन आपको देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों के मैनेजमेंट में OBC, दलित और आदिवासी नहीं मिलेंगे। वे बोले- मैंने मोदी जी से साफ कह दिया है कि आप जातिगत जनगणना रोक नहीं सकते। हम इसी संसद में जातिगत जनगणना को पास करके दिखाएंगे और आरक्षण में 50% की दीवार को तोड़ देंगे। हम झारखंड में आदिवासियों को 28%, दलितों को 12% और पिछड़े वर्ग को 27% आरक्षण देंगे।

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