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एमपी: स्कूल शिक्षा में AI का उपयोग, डिजिटल टेक्नालॉजी पर जोर

भोपाल| स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की जिज्ञासा का समाधान करने के लिए सरकार स्कूल शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करेगी। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों को स्कूलों में नवीन टेक्नोलॉजी के संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने दिए हैं। उन्होंने नई शिक्षा नीति 2020 में बच्चों को व्यवसायिक शिक्षा से जोड़ने पर भी जोर दिया है। साथ ही विजन डॉक्यूमेंट 2047 में इसे शामिल करने के लिए कहा है।

मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार का प्रयास है कि स्कूल शिक्षा की पहुंच प्रदेश के हर बच्चे तक हो। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को विकसित भारत @2047 के ड्राफ्ट पर प्रभावी क्रियान्वयन करना होगा। मंत्री सिंह ने अधिकारियों से ड्रॉफ्ट पर चर्चा की।

इस दौरान बताया गया कि विजन-2047 के ड्राफ्ट में यह बिन्दु प्रमुख रूप से डाला गया है कि सभी बच्चों को बगैर भेदभाव के सामान रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाए। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की चर्चा करते स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों की जिज्ञासा का समाधान करने के लिये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिये स्कूलों में नवीन टेक्नोलॉजी के संसाधन उपलब्ध कराने होंगे।

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 में बच्चों को व्यवसायिक शिक्षा से जोड़ने पर भी जोर दिया गया है। इसके लिये जरूरी है कि बच्चों को व्यवसायिक शिक्षा व्यावहारिक तरीके से दि जाने की व्यवस्था हों।

स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि सरकारी क्षेत्र से जुड़े शिक्षकों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी। आगामी आवश्यकता को देखते हुए शिक्षकों के पाठ्यक्रम तैयार किए जाएं।

बैठक में सीएम राइज स्कूल परियोजना के पहले चरण में निर्माणाधीन 275 स्कूलों की प्रगति की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि सीएम राइज स्कूल परियोजना विश्व स्तरीय स्कूल व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है।

सचिव, स्कूल शिक्षा डॉ. संजय गोयल ने बताया कि मार्च 2025 तक 122 सीएम राइज स्कूल प्रारंभ हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि सीएम राइज स्कूल परिधि में आने वाले बच्चों को प्राथमिकता से प्रवेश दिए जाने की व्यवस्था की गई है।

आयुक्त लोक शिक्षण शिल्पा गुप्ता ने बताया कि अक्टूबर 2024 में 2 सीएम राइज स्कूलों का उद्घाटन किया गया है। उन्होंने बताया कि वित्तीय सीमाओं को देखते हुए सीएम राइज स्कूल परियोजना में बदलाव भी किए जा रहे है।

इसका मकसद स्कूल की संख्या बढ़ाकर अधिक से अधिक बच्चों को गुणात्मक शिक्षा दिये जाने की व्यवस्था करना है। पाठ्य पुस्तक निगम के एमडी विनय निगम ने बताया कि वर्ष 2025-26 शैक्षणिक सत्र में स्कूलों के सत्र के प्रारंभ में ही पाठ्य पुस्तकें पहुंचाए जाने का कार्यक्रम तैयार किया गया है।

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