राजनीती

सीएम फेस बिना ही चुनाव मैदान में उतरेगा महायुति गठबंधन 

सीट बंटवारे को लेकर खींचतान, शिंदे खेमा भी नाराज

मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन बिना मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए ही मैदान में उतरेगा। बिजेपी के वरिष्ठ पदाधिकारी की मानें तो भाजपा कुल 288 विधानसभा सीटों में से कम से कम 160 सीटों पर दावा पेश करने जा रही है। मुख्यमंत्री और सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा ने एक तरह से शिवसेना और एनसीपी खेमे को नाराज करने का काम किया है। वैसे बिजेपी पदाधिकारी तो यही कह रहे हैं कि पार्टी ने काफी सोच-विचार के बाद यह फैसला लिया है। इसके चलते ही महायुति के किसी भी नेता एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस या अजित पवार मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारे नहीं जाएंगे। विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री का फैसला लिया जाएगा। दरअसल हाल ही में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने किसी भी नेता को बतौर मुख्यमंत्री उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा और परिणाम बेहतर देखने को मिले हैं। अब महाराष्ट्र में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। यहां कहा जा रहा है कि सीट बंटवारे का फॉर्मूला जो भी हो, लेकिन भाजपा कम से कम 160 सीटों पर दावा करेगी। भाजपा पदाधिकारी इस पर कम से कम 100 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं। अब चूंकि भाजपा पहले ही कह चुकी है कि यदि वह सबसे ज्यादा सीटें जीतती है तो उसका उम्मीदवार सीएम पद पर दावेदार होगा, वहीं दूसरी तरफ शिवसेना का कहना था कि चूंकि शिवसेना में विद्रोह के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महायुति सरकार बनी थी, इसलिए शिवसेना चाहे जितनी भी सीटें जीत ले, शिंदे ही मुख्यमंत्री के दावेदार होंगे। वहीं एनसीपी नेता का कहना है कि उनकी पार्टी 100 सीटों की दावेदारी करेगी और शिवसेना भी बराबर सीटों की मांग करेगी। ऐसे में सीट बंटवारे को लेकर समझौता होना मुश्किल ही लगता है, हॉं यदि 80-80 सीटों पर समझौता किया जाए तो कुछ हल निकल सकता है। वैसे इन सब का अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व को करना है, जो कि दिल्ली में आयोजित होने वाली बैठक में किया जा सकता है। 

Related Articles

Back to top button
× click to chat whatsapp