दुनिया

भारतीय सीमा पर लंबे समय तक चीनी सैनिक रहेंगे तैनात

हांगकांग। यूक्रेन और गाजा में हो रहे युद्ध और दक्षिण चीन सागर में बढ़ता तनाव सुर्खियों में छाए रहते हैं, लेकिन इस बात को भुला दिया जाता है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) भारत के साथ लगती सीमा पर अपनी स्थिति को लगातार मजबूत कर रही है। यहां तक कि इस साल की शुरुआत में प्रकाशित अमेरिकी इंटेलिजेंस कम्युनिटी के वार्षिक खतरा आकलन  में चीन और भारत के बीच सीमा  पर तनाव को दुनिया में अन्य मौजूदा सभी संघर्षों, खतरों और तनावों के बीच केवल एक पैराग्राफ में समेट दिया गया था।रिपोर्ट का आकलन था कि भारत और चीन के बीच विवादित  सीमा उनके द्विपक्षीय संबंधों में तनाव की वजह बनी रहेगी। हालांकि दोनों पक्षों के बीच 2020 के बाद से सीमा पर कोई बड़ी झड़प नहीं हुई है, लेकिन वे बड़ी संख्या में सैन्य तैनाती बनाए हुए हैं।दोनों सैन्य बलों के बीच छिटपुट मुठभेड़ों से गलतफहमी और सशस्त्र संघर्ष में वृद्धि का जोखिम है। इस वर्ष अप्रैल में यूएस आर्मी वॉर कालेज के स्ट्रैटेजिक स्टडीज इंस्टीट्यूट ने 2020-21 में अक्साई चिन में पर्वतीय सीमा पर पीएलए की गतिविधियों की गहन जांच की एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी।इसके लेखक डेनिस ब्लास्को ने मुख्य रूप से इस बात पर विचार किया कि कैसे पीएलए ने 15-16 जून, 2020 को गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसा भड़कने के बाद तेजी से सैनिकों को इस क्षेत्र में भेजा था।

Related Articles

Back to top button
× click to chat whatsapp