वीयू का 16 स्थापना दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया।

नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय का 16 स्थापना दिवस 3 नवंबर 2025 को मनाया हर्षोल्लास से मनाया गया। कार्यक्रम के प्रथम चरण में विश्वविद्यालय स्थापित नाना जी की प्रतिमा पर माननीय कुलपति प्रोफेसर मनदीप शर्मा जी तथा विश्वविद्यालय के अधिकारीयो द्वारा माल्यार्पण कर किया गया।
कार्यक्रम का द्वितीय चरण संस्थापक कुलपति प्रोफेसर जी पी मिश्रा के मुख्य अतिथि में संपन्न हुआ कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर मनदीप शर्मा जी द्वारा की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वल के पश्चात किया गया तत्पश्चात मंचासीन मुख्य अतिथि डॉ जी पी मिश्रा, माननीय कुलपति प्रोफेसर मनदीप शर्मा, कुल सचिव डॉ एस एस तोमर, संचालक अनुसंधान सेवाएं डॉ एस के जोशी एवं अधिष्ठाता पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय डॉ आरके शर्मा का स्वागत पुष्प गुच्छ से किया गया साथ ही सभागार में उपस्थित भूतपूर्व वरिष्ठ प्राध्यापक गण जिसमें डॉ दत्ता, डॉ तलुजा, डॉ ए बी , श्रीवास्तव डॉ एसएमएस परमार, डॉ एसएल गुप्ता, डॉ कादरी, डॉ अटकरे, डॉ एस के जैन ,डॉ ए के गौर , डॉ राव आदि का स्वागत डॉ जी पी लखानी व डॉ सुनील नायक ने किया।
अपने अध्यक्षिय उद्बोधन में माननीय कुलपति महोदय ने सभागार में उपस्थित सभी को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा का मंदिर है नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत तीनों पशुपालन महाविद्यालय मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय तथा स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ एंड फॉरेंसिक हेल्थ एवं बायोटेक्नोलॉजी नानाजी के ग्रामीण आत्मनिर्भरता के स्वप्न को साकार करने में अपनी भागीदारी निभा रहा है। इस विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपतियों ने तथा प्राध्यापकों ने इस विश्वविद्यालय के विकास में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आगे उन्होंने कहा किया हमारा कर्तव्य बनता है कि इस विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने हेतु तत्परता से काम करें विश्वविघालय की राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (N I RF) में उच्च पायदान पर लाएं। विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य पशुपालकों, किसानो के हितार्थ कार्य करना है साथ ही शोध- अनुसंधान के मदद से पशु चिकित्सा क्षेत्र में कारगर सिद्ध होना है। यह विश्वविद्यालय भारत रत्न राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख के सपने को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है ।
अपने उद्बोधन भाषण में माननीय मुख्य अतिथि डॉ गोविंद प्रसाद मिश्रा जी ने गत 16 वर्ष की किए गए कार्यों की उपलब्धि की सराहना करते हुए बधाई दी तथा आने वाले समय में विश्वविद्यालय उत्तरोत्तर प्रगति करें यह कामना की।
विश्वविद्यालय कुल सचिव डॉ एसएस तोमर ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने विश्वविद्यालय की विभिन्न उपलब्धियां की जानकारी साझा की उन्होंने विश्वविद्यालय की शैक्षिक ,अनुसंधान तथा विस्तार व अन्य कार्यों की विकास यात्रा को संक्षिप्त में बताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय हर एक किसान तक पहुंचाने तथा उसके विकास में सहायता करने हेतु कार्यरत है।
डॉ श्रीकांत जोशी संचालक अनुसंधान सेवाएं ने विश्वविद्यालय के इस 16 साल के सफर को संक्षिप्त रूप में पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से साझा किया तथा उन्होंने विश्वविद्यालय के 2050 विजन को भी बताया।
इस कार्यक्रम में स्नातकोत्तर के छात्र ईशान नेमा ने महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के संस्मरण को बताया।
साथी विश्वविद्यालय की संविदा कर्मी सुश्री संध्या गोस्वामी ने विश्वविद्यालय कि अब तक की यात्रा को एक सुखद व प्रगतिशील बताते हुए हर्ष व्यक्त किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के, तीनों पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर,महु तथा रीवा एवं मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय के प्रध्यापकों द्वारा लिखित पुस्तकों पुस्तकों का व न्यूज लेटर का विमोचन मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया।
गौरतलब है इस विश्वविद्यालय की नींव 2009 में रखी गई थी उसके बाद स्वतंत्र रूप से पशु चिकित्सा एवं पशुपालन के क्षेत्र में विश्वविद्यालय ने नए आयाम हासिल किए हैं।
इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के पदाधिकारी डा जी पी लखानी ,डॉ मधु स्वामी ,डॉ सुनील नायक, डॉ शशिकांत महाजन अधिष्ठाता मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय, डॉ ए पी सिंह अधिष्ठाता रीवा वेटरनरी कॉलेज,डॉ अप्ररा शाही ,डॉ शोभा जावरे, डॉ अंजू नायक, डॉ राखी वैश्य डॉ ,एस के कारपोरेट,डॉ आदित्य मिश्रा, डॉ मोहन सिंह ठाकुर डॉ आर वी सिंह ,डॉ घोष ,डॉ बी रॉय, डॉ देवेंद्र गुप्ता,डॉ राम किकर मिश्र आदि सभी विभागों के विभाग अध्यक्ष, प्राध्यापक गण, कर्मचारी गण एवं बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
मंच संचालन डॉ पूनम शाक्य ने किया एवं आभार ज्ञापन अधिष्ठाता डॉ आर के शर्मा द्वारा दिया गया।


