गरीब की ज़मीन निगल गया कोल इंडिया – वर्षों से न्याय के लिए दर-दर भटक रहा बीमार वृद्ध, अब राष्ट्रपति से लगाई गुहार
धनपुरी सोहागपुर छेत्र का मामला
इंट्रो
शहडोल जिले के धनपुरी निवासी बुजुर्ग अतीकुर्रहमान नामक व्यक्ति अपनी पुश्तैनी ज़मीन कोल इंडिया के अधीन एसईसीएल अधिकारियों द्वारा कथित रूप से हड़प लिए जाने से गहरे सदमे में हैं। लगातार शिकायतों के बावजूद कार्रवाई न होने से वे और उनका परिवार मानसिक व आर्थिक यातनाएँ झेल रहे हैं। दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित अतीक अब राष्ट्रपति से न्याय की गुहार लगाने की तैयारी में हैं।
शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के धनपुरी क्षेत्र में रहने वाले अतीकुर्रहमान, पुत्र स्वर्गीय मोहम्मद यासीन मोहल्ला कच्छी मोहल्ला वार्ड क्रमांक 16/19 धनपुरी, ने अपने साथ हुए अन्याय की दर्दभरी कहानी साझा की है। उनका कहना है कि उनकी पैतृक भूमि, जो उनके पिता स्वर्गीय मोहम्मद यासीन ने अपनी स्वर्गीय पत्नी व पुत्र क़े नाम से ज़मीन ली थी, जिसको को स्थानीय राजस्व अधिकारियों और एसईसीएल (कोल इंडिया की इकाई) के कर्मचारियों ने मिलकर बिना किसी सूचना और मुआवजे के हड़प लिया। अब वह वृद्ध, बीमार और आर्थिक रूप से टूट चुके हैं, लेकिन न्याय की उम्मीद अभी बाकी है।
अतीकुर्रहमान के अनुसार, वर्ष 1996 में उनके पिता ने ग्राम छिरीहटी (थाना बुढ़ार) स्थित 5 डिसमिल भूमि राकेशकांत पांडे नामक व्यक्ति से खरीदी थी। दस्तावेज़, पट्टा, नक्शा और खसरा उनके पास सुरक्षित हैं। लेकिन जब उन्होंने हाल ही में उस भूमि पर अपना अधिकार जमाने की कोशिश की, तो उन्हें बताया गया कि वह ज़मीन अब एसईसीएल क्षेत्र में आ चुकी है और कंपनी ने उसे अधिग्रहित कर लिया है। आपकी माता स्वर्गीय आयशा बेगम की ज़मीन का मुआवजा बना होगा, समय लगेगा लेकिन आपके नाम अतिकुर्रहमान की ज़मीन तो चोरी हों गई है, उसके कोई दस्तवेज मौजूद नहीं, जबकि फरियादी अतिक़ुर हमान ने ज़मीन का पट्टा, नक्शा खसरा,बी 1ज़मीन क्रय क़े सारे दस्तवेज मेरे पास है। तो ज़मीन किसने चोरी की किसने की ❓
वृद्ध अतीक का कहना है कि बिना किसी नोटिस और मुआवजे के उनकी जमीन एसईसीएल द्वारा कब्जे में ले ली गई। जब उन्होंने तहसीलदार और पटवारी से संपर्क किया तो उन्हें धमकाया गया कि “अब न कोई जमीन तुम्हारी नहीं है और न कोई मुआवजा मिलेगा। यदि दोबारा एसईसीएल ऑफिस के अंदर दिखे तो चोरी के इल्ज़ाम में जेल भेज दिए जाओगे।”
उनका कहना है कि वे बार-बार थाना धनपुरी, तहसील कार्यालय और एसईसीएल अफसरों के चक्कर लगा चुके हैं लेकिन हर बार उन्हें निराशा और अपमान का सामना करना पड़ा। “मैंने मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सभी को आवेदन भेजे हैं, पर आज तक किसी ने मेरी फरियाद नहीं सुनी,” — अतीक ने रोते हुए कहा।
अतीकुर्रहमान बताते हैं कि यह मामला सिर्फ उनकी जमीन का नहीं है, बल्कि पूरे इलाके में एसईसीएल अधिकारियों के खिलाफ गरीबों और किसानों की जमीन जबरन अधिग्रहित करने की शिकायतें लगातार उठ रही हैं। “कई गरीब परिवारों की जमीनें इस तरह कब्जे में ली जा चुकी हैं, लेकिन किसी को न्याय नहीं मिल रहा। अधिकारी मिलकर लोगों को डराते हैं, धमकाते हैं और झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देते हैं,” — उन्होंने आरोप लगाया।
बीमार अतीक ने बताया कि वे दिल की बीमारी से पीड़ित हैं और डॉक्टरों ने जल्द ऑपरेशन कराने की सलाह दी है, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वे इलाज नहीं करा पा रहे। “मेरी हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है, मगर सरकारी दफ्तरों में कोई सुनने वाला नहीं। मैंने अब तय किया है कि न्याय के लिए मैं राष्ट्रपति तक जाऊँगा। अगर मेरी जमीन और इज्जत नहीं बची, तो यह देश के कानून और इंसाफ़ पर बड़ा सवाल होगा।”
उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें उनका हक नहीं मिलता, वे संघर्ष जारी रखेंगे। “हम गरीब लोग हैं, हमारे पास न पैसे हैं न पहुंच। पर जमीन हमारी मेहनत और पिता की विरासत थी। उसे अगर किसी ने छीन लिया तो यह हमारे जीवन का सबसे बड़ा अन्याय है।”
इस पूरे प्रकरण में उन्होंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक, कलेक्टर शहडोल, एसपी शहडोल और एसडीएम धनपुरी को प्रतिलिपि सहित शिकायतें भेजी हैं। उनका अनुरोध है कि उनकी चोरी हुई जमीन उन्हें वापस दिलाई जाए और दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो ताकि भविष्य में किसी गरीब के साथ ऐसा अत्याचार दोबारा न हो।
अतीक का कहना है कि अगर प्रशासन ने जल्द न्याय नहीं दिया, तो वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के साथ ही राष्ट्रपति भवन तक अपनी गुहार लेकर जाएंगे।
“मैं हार नहीं मानूंगा,” — कहते हैं अतीक, “क्योंकि यह सिर्फ मेरी ज़मीन का मामला नहीं, बल्कि हर उस गरीब की आवाज़ है जिसे उसकी पुश्तैनी मिट्टी से बेदखल किया जा रहा है।”