GST सुधार से मध्यमवर्ग को बड़ी राहत, अर्थव्यवस्था में आएगी नई ऊर्जा : केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव
नई दिल्ली, 06 सितम्बर
वित्तीय मोर्चे पर एक बड़े कदम के तहत केंद्र सरकार ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) में व्यापक सुधार कर आम और खास, विशेषकर मध्यमवर्गीय परिवारों को बड़ी राहत दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लिए गए इस फैसले से न केवल रोजमर्रा के खर्च कम होंगे बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।
वैष्णव ने बताया कि पहले इनकम टैक्स में सुधार कर 12 लाख रुपये तक की आय पर छूट दी गई थी। अब GST दरों में कमी और सरलीकरण कर मध्यमवर्गीय परिवारों को बड़ा फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि रोटी, कपड़ा, मकान जैसी बुनियादी वस्तुओं से लेकर टीवी, रेफ्रिजरेटर, मोबाइल, पावर बैंक और सोलर पैनल जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों तक, लगभग हर घर में इस्तेमाल होने वाली चीजों पर टैक्स का बोझ घटा है।
उन्होंने कहा कि देश की GDP करीब 330 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें 202 लाख करोड़ का हिस्सा खपत का है। यदि GST राहत से खपत 10% भी बढ़ती है तो 20 लाख करोड़ की अतिरिक्त GDP उत्पन्न होगी। उत्पादन बढ़ने से रोजगार में वृद्धि होगी और निवेश को भी बल मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि मध्यमवर्गीय परिवारों के हाथ में बचत बढ़ेगी। यह बचत या तो सेविंग में जाएगी, या लोग अधिक सामान खरीदेंगे, या फिर निवेश करेंगे। इन तीनों गतिविधियों से अर्थव्यवस्था को नया बल मिलेगा और “पॉजिटिव साइकिल” शुरू होगी।
ग्रामीण और साधारण उपभोक्ताओं तक इस संदेश को पहुँचाने के लिए पार्टी व सरकार चौपालों, जनसभाओं और मीडिया के जरिए व्यापक अभियान चलाएँगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पर विशेष रूप से बात करते हुए वैष्णव ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में इस सेक्टर का उत्पादन 6 गुना और निर्यात 8 गुना बढ़ा है। आज 25 लाख लोग इसमें रोज़गार पा रहे हैं और मोबाइल फोन से लेकर बैटरी और चिप तक का उत्पादन देश में हो रहा है। सेमीकंडक्टर और API (फार्मा) मैन्युफैक्चरिंग भी भारत में शुरू हो चुकी है।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि सभी उद्योग संघों ने वादा किया है कि GST रियायतों का सीधा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुँचेगा। वित्त मंत्री ने भी स्पष्ट किया है कि यदि कंपनियां लाभ ट्रांसफर नहीं करेंगी तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वैष्णव ने कहा कि यह सुधार केवल टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाने तक सीमित नहीं है बल्कि आत्मनिर्भर भारत और आर्थिक वृद्धि की दिशा में एक नया अध्याय है।