देशव्यापार

ट्रंप टैरिफ का असर, यूएस छोड़ दूसरे बाजार देख रहे निर्यातक

भोपाल। बुधवार से अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद मध्य प्रदेश के उद्योगपति अब अपने निर्यात कारोबार को बनाए रखने के लिए अफ्रीका, यूरोपीय संघ और ऑस्ट्रेलिया जैसे नए अंतरराष्ट्रीय बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं।

मध्य प्रदेश के कुल वैश्विक निर्यात में अमेरिका का योगदान वर्तमान में 16% है, जिसका मूल्य 13,509 करोड़ रुपये है। कपड़ा क्षेत्र पर इसका सबसे बड़ा तत्काल प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।

भोपाल के बगरोदा में खाद्य और कपड़ा उद्योग चलाने वाली अलका अग्रवाल ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ ने कपड़ा क्षेत्र को स्पष्ट रूप से प्रभावित किया है, क्योंकि यह ऐसे उत्पादों के मुख्य बाजारों में से एक था। उन्होंने कहा, “शुक्र है कि पिछले कुछ महीनों में केंद्र सरकार ने यूरोपीय संघ जैसे नए बाजार खोलने की पहल की है। इसलिए, अब ध्यान यूरोपीय संघ, अफ्रीकी देशों और ऑस्ट्रेलिया पर केंद्रित है। इसका प्रभाव निश्चित रूप से है, लेकिन उतना नहीं जितना अनुमान लगाया गया था, क्योंकि हमने पहले ही अन्य बाजारों की खोज शुरू कर दी है।”

पीथमपुर स्थित उद्योगपति गौतम कोठारी ने कहा कि कपड़ा और दवा क्षेत्र प्रभावित होने की संभावना है। हालांकि, उनका मानना ​​है कि इसका समग्र प्रभाव गंभीर नहीं होगा। उनके अनुसार, निर्यातक बांग्लादेश जैसे अन्य देशों के माध्यम से अमेरिका को माल भेजने के नए तरीके खोज सकते हैं।

भोपाल स्थित उद्योगपति सीबी मालपानी ने कहा कि इसका असर तुरंत महसूस होगा, क्योंकि आपूर्ति बाधित होगी। हालांकि, उन्होंने बताया कि अमेरिका भारतीय निर्यात के बिना अपनी दवा की ज़रूरतों को पूरा नहीं कर सकता।

उन्होंने कहा कि कई निर्यातक कनाडा या अन्य देशों के माध्यम से अमेरिका को माल भेजने का विकल्प चुन सकते हैं, क्योंकि ऐसे उत्पादों की अमेरिकी माँग मज़बूत बनी हुई है। उन्हें उम्मीद है कि कुछ महीनों में स्थिति स्थिर हो जाएगी।

कपड़ा निर्यात को झटका

वित्त वर्ष 2024-25 में मध्य प्रदेश द्वारा अमेरिका को परिधान और कपड़ा निर्यात के क्षेत्रीय आँकड़े दर्शाते हैं कि मध्य प्रदेश के कुल 83,163 करोड़ रुपए के वैश्विक निर्यात में से अमेरिका का हिस्सा 13,509 करोड़ रुपए है।

इसमें से वस्त्र और परिधान निर्यात 3,546 करोड़ रुपए का है। अकेले वस्त्र और पहने हुए वस्त्रों का योगदान 3,033 करोड़ रुपये है, इसके बाद बुने हुए परिधान और वस्त्र सहायक उपकरण 714 करोड़ रुपये और मानव निर्मित स्टेपल फाइबर 203 करोड़ रुपए का योगदान करते हैं।

वस्त्र और परिधान (HSN 52-63) मध्य प्रदेश के अमेरिका को निर्यात में 26% का योगदान करते हैं, जबकि अकेले HSN 63 (वस्त्र और पहने हुए वस्त्र) इन वस्त्र निर्यातों का 85% से अधिक हिस्सा बनाते हैं।

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