विधायकों के लिए बुरे दिन? पाठक, कटारे, शर्मा और मिश्रा के बाद अब आरिफ

भोपाल। मध्य प्रदेश के विधायक इन दिनों मुश्किल में हैं। पिछले कुछ दिनों में आरिफ मसूद समेत पांच विधायकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भाजपा विधायक संजय पाठक और अंबरीश शर्मा तथा कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे और अभय मिश्रा भी मुश्किल में हैं। वे अलग-अलग मामलों में उलझे हुए हैं। केंद्रीय एजेंसियां कुछ मामलों की जांच कर रही हैं।
उच्च न्यायालय ने मसूद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है, जब यह बात सामने आई कि उन्होंने फर्जी विक्रय पत्र के आधार पर इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज की संबद्धता हासिल की थी। सरकार से मामले की जाँच विशेष जाँच दल (SIT) से कराने को कहा गया है।
इसी तरह कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा के खिलाफ एक युवक की पिटाई के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। मिश्रा पर आरोप है कि युवक ने उनके यहां एक साल तक काम किया, लेकिन उन्होंने उसे कोई वेतन नहीं दिया। विपक्ष के उपनेता हेमंत कटारे दो मामलों में फंस गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ बलात्कार के एक मामले में जांच के आदेश दिए हैं। शीर्ष अदालत ने सरकार से कहा है कि वह मामले की जांच डीआईजी स्तर के अधिकारी से करवाए। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने कटारे के खिलाफ एक जमीन के टुकड़े के सिलसिले में पहले ही एफआईआर दर्ज कर ली है।
कांग्रेस विधायकों की तरह भाजपा विधायक भी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। वे भी जांच एजेंसियों की जांच के घेरे में हैं। भाजपा विधायक अंबरीश शर्मा के साले के खिलाफ धोखाधड़ी के एक मामले में ईडी की जांच चल रही है। उनके साले सुधांशु त्रिवेदी के खिलाफ दिल्ली में एक और एफआईआर दर्ज की गई है। विधायक की पत्नी सत्यंका शर्मा उस कंपनी की निदेशक हैं जिसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
विधायक के साले के खिलाफ लहार इलाके में बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है। भाजपा विधायक संजय पाठक भी सहारा ज़मीन खरीद मामले में फंसे हैं। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) इस मामले की जांच कर रही है। यह भी आरोप है कि उन्होंने अधिकृत सीमा से ज्यादा खदानें खोदीं। उनकी कंपनियों पर 432 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
विधायक अंबरीश शर्मा ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की
अपने साले और उनकी पत्नी के एक कंपनी में निदेशक होने के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद अंबरीश शर्मा ने मंगलवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुलाकात की।