आज़ादी का पर्व, न्यायिक अनुशासन और कर्तव्यों के संकल्प का दिवस भी है – जिला न्यायाधीश हिदायत उल्ला खान
देपालपुर (इंदौर)।
79वें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर न्यायालय परिसर में भव्य समारोह का आयोजन किया गया। जिला न्यायाधीश एवं तहसील विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष श्री हिदायत उल्ला खान ने राष्ट्रीय ध्वज फहराकर तिरंगे को सलामी दी।
समारोह को संबोधित करते हुए जिला न्यायाधीश श्री खान ने कहा कि “15 अगस्त का दिन हमें यह याद दिलाता है कि आज़ादी हमें उपहार में नहीं मिली, बल्कि यह स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान और संघर्ष से हासिल हुई है। इसलिए हमारा दायित्व है कि हम आज़ाद भारत में न्याय, समानता और स्वतंत्रता का वातावरण सुनिश्चित करें, जिससे हर नागरिक को बिना किसी भेदभाव के उसका अधिकार प्राप्त हो।”
जिला न्यायाधीश श्री हिदायत उल्ला खान ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में आगे कहा कि स्वतंत्रता दिवस केवल राष्ट्रीय पर्व ही नहीं बल्कि कर्तव्य, अनुशासन और न्याय के संकल्प का दिवस भी है। न्यायपालिका से जुड़े प्रत्येक अधिकारी, कर्मचारी और अधिवक्ताओं की ज़िम्मेदारी है कि हम पूरी ईमानदारी, संवेदनशीलता और पूर्ण समर्पण से समाज में न्याय और विश्वास की भावना को बनाए रखें।
स्वतंत्रता दिवस समारोह में जिला न्यायाधीश श्री खान ने देशभक्ति के जज्बे से समाहित शानदार कविता गीत सुना कर उपस्थित जनसमूह को मंत्र-मुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर तहसील विधिक सेवा समिति की ओर से उत्कृष्ट कार्य हेतु चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आदेशिका वाहक मुकेश खत्री, विधिक सहायता पैनल के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रकाश चंद्र धाकड़ तथा न्यायालय के कार्यक्रमों में अपनी प्रतिभा से रौनक बिखेरने वाले बाल कलाकार अनिरुद्ध को मेडल देकर सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम को वरिष्ठ सिविल जज / न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती रिजवाना कौसर एवं सुश्री दिव्या श्रीवास्तव, अधिवक्ता अंतर सिंह मौर्य, प्रकाश धाकड़, दिलीप डाबी, विजय नागर, मनोज देसाई, सचिव पवन जोशी तथा नायब नाजिर टिलीप यादव ने भी संबोधित किया।
समारोह में उपाध्यक्ष चेतन राठौर, कोषाध्यक्ष युवराज सिंह, प्रदीप पाटीदार, प्रदीप गोस्वामी, विपिन धाकड़, चिंतामन बाथम, प्रदीप शर्मा, अर्जुन नागर,चंद्रेश यादव सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता एवं न्यायिक कर्मचारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सी.एल. पटेल ने किया तथा आभार प्रदर्शन अधिवक्ता अब्दुल गफ्फार ने व्यक्त किया।