मध्यप्रदेश

वृद्धाश्रम में न्याय की नहीं, आत्मीयता की मिसाल बने जज साहब

जिला न्यायाधीश श्री खान ने बुजुर्गों संग मनाया मित्रता दिवस, पहुँचे ‘आशांजलि वृद्धाश्रम’। इंदौर- मित्रता दिवस के अवसर पर एक ऐसा दुर्लभ दृश्य देखने को मिला, जिसने न्याय व्यवस्था की छवि को संवेदनशीलता से सराबोर कर दिया।

 

देपालपुर के जिला न्यायाधीश श्री हिदायत उल्ला खान ने इंदौर स्थित ‘आशांजलि वृद्धा आश्रम’ में पहुँचकर वहाँ रह रहे बुजुर्गों के साथ मित्रता दिवस मनाया।
आमतौर पर कठोर कानून की चौखट पर निर्णय देने वाले न्यायाधीश जब बुजुर्गों को गले लगाकर “मित्र” कह रहे थे, तो वह क्षण किसी भावनात्मक दृश्य से कम नहीं था। वहाँ उपस्थित सभी वृद्धजन और स्टाफ इस आत्मीय व्यवहार से अचंभित भी थे और अभिभूत भी।
आश्रम में लगभग 40 बुजुर्ग रहते हैं, जिनमें से कई सड़क पर बेसहारा हालत में मिले थे और अब चलने-फिरने में भी असमर्थ हैं। न्यायाधीश श्री खान ने न केवल उन्हें मित्रता दिवस की शुभकामनाएँ दीं, बल्कि उन्हें अपने जीवन का हिस्सा मानते हुए गहरा भावनात्मक जुड़ाव भी प्रकट किया।
इस अवसर पर उन्होंने सभी वृद्धजनों को स्वल्पाहार कराया और आश्रम की व्यवस्थाओं का अवलोकन भी किया। उन्होंने विश्व आरोग्य सेवा संस्थान से जुड़े हुए समाजसेवी डॉ. इसहाक खान को प्रेरित करते हुए सेवा संस्थान के माध्यम से ऐसे जरूरतमंद लोगों की सेवा को और विस्तार देने का अनुरोध किया। उल्लेखनीय है कि विश्व आरोग्य सेवा संस्थान एक पब्लिक ट्रस्ट के रूप में देश भर में गंभीर बीमारियों से पीड़ितों के उपचार एवं पुनर्वास की दिशा में सतत रूप से कार्य कर रहा है।

> “सेवा का कोई पैमाना नहीं होता,”। जिला न्यायाधीश खान ने कहा, “यह हमारे व्यवहार और नीयत से तय होती है। समाज के हर वर्ग को ऐसे प्रयासों से जुड़ना चाहिए।”
आश्रम की प्रबंधक दीदी सहित सभी स्टाफ और वृद्धजन इस आत्मीय पहल से अत्यंत प्रभावित हुए। एक बुजुर्ग ने भावुक होकर कहा –
> “यह दोस्ती हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस आत्मीयता ने हमें जीवन में नई ऊर्जा दी है।”

 

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