मध्यप्रदेश

गुणवत्तापूर्ण डेटा सेंटर को कैबिनेट की मंज़ूरी

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भोपाल। डेटा संग्रहण की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाते हुए, राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को डेटा सुदृढ़ीकरण योजना को मंज़ूरी दे दी। इसके तहत, राज्य में एक गुणवत्तापूर्ण डेटा सेंटर स्थापित किया जाएगा, जो सरकारी विभागों को आवश्यक डेटा उपलब्ध कराएगा और उसके अनुसार योजनाएँ बनाने में मदद करेगा। यह डेटा सेंटर देश के सर्वश्रेष्ठ डेटा सेंटरों में से एक होगा।

हाल ही में मुख्यमंत्री मोहन यादव स्पेन गए थे, जहां उन्होंने एक विश्वस्तरीय डेटा सेंटर देखा और उससे बेहद प्रभावित हुए। इसके बाद, राज्य सरकार ने अपना स्वयं का उच्च-गुणवत्ता वाला डेटा सेंटर बनाने का निर्णय लिया।

मंत्रिमंडल ने गांधी सागर जल विद्युत संयंत्र और राजस्थान स्थित राणा प्रताप सागर जल विद्युत संयंत्र के नवीनीकरण के प्रस्ताव को भी मंज़ूरी दी। यह परियोजना मध्य प्रदेश और राजस्थान का एक संयुक्त उद्यम है।

गांधी सागर जल विद्युत संयंत्र की पाँच इकाइयों (5×23 मेगावाट) के नवीनीकरण की अनुमानित लागत ₹464.55 करोड़ है। राणा प्रताप सागर जल विद्युत संयंत्र की चार इकाइयाँ (4.43 मेगावाट) 576.76 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से स्थापित की जाएँगी।

गांधी सागर जल विद्युत परियोजना अपनी आयु सीमा पूरी कर चुकी थी, इसलिए इसका नवीनीकरण आवश्यक था। इसकी उत्पादन क्षमता 115 मेगावाट है।

दोनों राज्यों की विद्युत उत्पादक कंपनियाँ अपने-अपने राज्यों में इस परियोजना का क्रियान्वयन करेंगी और परियोजना की लागत एक-दूसरे के साथ साझा करेंगी। परंपरा के अनुसार, वे तिमाही और वार्षिक वित्तीय खातों का मिलान करके लागत का समायोजन करेंगी।

इसके अलावा, मंत्रिपरिषद ने विक्रमोत्सव मेले और ग्वालियर व्यापार मेले में वाहनों की खरीद पर वाहन कर में 50% की छूट देने का निर्णय लिया। यह छूट कुछ शर्तों के साथ दी जाएगी।

मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंत्रियों से अपने-अपने जिलों में किसानों को निर्बाध उर्वरक आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि किसानों को उर्वरक प्राप्त करने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

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