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रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिए कोच, इंजनों में CCTV कैमरे लगाएगा मंत्रालय

नई दिल्ली। रेल मंत्रालय ने अब सभी यात्री रेलगाड़ियों के डिब्बों और इंजनों में उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाले सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य यात्रा के दौरान यात्रियों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करना है। यह निर्णय कुछ यात्री डिब्बों में सीसीटीवी कैमरों की प्रायोगिक स्थापना के सकारात्मक परिणामों के बाद लिया गया है।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने कनिष्ठ मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के साथ शनिवार को रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इंजनों और डिब्बों दोनों में सीसीटीवी लगाने की पहल की प्रगति की समीक्षा की। इसके बाद उन्होंने सुरक्षा बढ़ाने के रेलवे के व्यापक प्रयास के तहत सभी डिब्बों को सीसीटीवी निगरानी में लाने की इस महत्वाकांक्षी और अभूतपूर्व योजना को मंजूरी दे दी।

पीआईबी रेलवे के एडीजी धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि सभी डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगाने से यात्रियों की सुरक्षा में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और उन बदमाशों और संगठित गिरोहों को रोकने में मदद मिलेगी, जो पहले अनजान यात्रियों का शोषण करते थे।

तिवारी ने स्पष्ट किया कि कैमरों के लगने से ऐसी घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आएगी। यात्रियों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए प्रत्येक ट्रेन के कोच में दरवाजों के पास सामान्य आवागमन क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि उत्तर रेलवे के लोकोमोटिव इंजनों और कोचों में पहले ही सफल परीक्षण किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा, केंद्रीय रेल मंत्री ने सभी 74,000 कोचों और 15,000 लोको में सीसीटीवी कैमरे लगाने को मंज़ूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक रेलवे कोच में चार प्रत्येक प्रवेश द्वार पर दो गुंबदनुमा सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।

तिवारी ने यह भी बताया कि प्रत्येक लोकोमोटिव में चौबीसों घंटे निगरानी के लिए लोकोमोटिव के आगे, पीछे और दोनों तरफ एक-एक कुल छह सीसीटीवी कैमेरे लगाए जाएंगे। वहीं प्रत्येक लोको के प्रत्येक कैब (आगे और पीछे) में एक गुंबदनुमा सीसीटीवी कैमरा और दो डेस्क-माउंटेड माइक्रोफ़ोन लगाए जाएंगे। उन्होंने आगे पुष्टि की कि सीसीटीवी कैमरे नवीनतम मानकों का पालन करेंगे और एसटीक्यूसी प्रमाणित होंगे।

तिवारी ने कहा कि केंद्रीय रेल मंत्री ने सर्वश्रेष्ठ उपकरणों की तैनाती के महत्व पर ज़ोर दिया और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि 100 किमी प्रति घंटे से अधिक गति और कम रोशनी वाली परिस्थितियों में भी उच्च गुणवत्ता वाली फुटेज कैप्चर की जाए।

केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को भारत-एआई मिशन के सहयोग से सीसीटीवी कैमरों द्वारा कैप्चर किए गए डेटा पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग की संभावना तलाशने के लिए भी प्रोत्साहित किया है।

डिब्बों के सामान्य आवागमन क्षेत्रों में कैमरे लगाने के उद्देश्य को रेखांकित करते हुए तिवारी ने कहा कि यह पहल यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने पर केंद्रित है। उन्होंने दावा किया कि गोपनीयता बनाए रखते हुए ये कैमरे शरारती तत्वों की पहचान करने में मदद करेंगे। भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण के प्रयास सुरक्षित, संरक्षित और यात्री-अनुकूल यात्रा अनुभव के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

तिवारी ने बताया कि उत्तर रेलवे 6139 डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगा रहा है, जिनमें 3853 एलएचबी डिब्बे, 1436 आईसीएफ डिब्बे और 850 ईएमयू/मेमू/डेमू डिब्बे शामिल हैं। उन्होंने बताया कि सभी डिब्बों के लिए निविदाएं इसी वर्ष 11 जुलाई को जारी की गई थीं। उत्तर रेलवे के डीएलआई मंडल द्वारा कुछ डिब्बों में कैमरे लगाने का परीक्षण किया गया था।

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