ज्योति मल्होत्रा केस: यूट्यूबर ने आतंकी हमले से 3 महीने पहले की थी पहलगाम की यात्रा

चंडीगढ़। हरियाणा की रहने वाली यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ने इस साल 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले से तीन महीने पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम का दौरा किया था। मल्होत्रा से जुड़े कथित जासूसी मामले की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ। जांच में आगे पता चला कि हरियाणा की रहने वाली यूट्यूबर को पाकिस्तानी उच्चायोग के एक कर्मचारी ने हनीट्रैप में फंसाया था, जिसकी पहचान एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के रूप में हुई है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) शेष पॉल वैद ने अपने एक्स पोस्ट में कहा, “क्या यह महज संयोग है कि पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी (संभवतः ISI का व्यक्ति) दानिश के जाल में फंसी यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा जनवरी 2025 में पहलगाम आई थी? वह कथित तौर पर ISI के संचालकों को संवेदनशील जानकारी दे रही थी।” उन्होंने कहा, “हमारी खुफिया सेवाएं आम तौर पर पाकिस्तान, चीन और अब बांग्लादेश जैसे दुश्मन देशों के देशों या उच्चायोगों में अक्सर जाने वालों पर नजर रखती हैं।”
जांच से पता चला कि ज्योति कई बार पाकिस्तान और एक बार चीन गई थी। वह कथित तौर पर पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों (पीआईओ) के साथ नियमित संपर्क में थी। दानिश ने कथित तौर पर उसके हैंडलर के रूप में काम किया और उसे शाकिर और राणा शाहबाज सहित अन्य पीआईओ से मिलवाया।
सावन ने कहा, “हम भी जांच कर रहे हैं क्योंकि हमारे पास सुराग हैं कि उसके साथ अन्य लोग भी शामिल थे।” मल्होत्रा को रविवार को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। 2023 में ज्योति ने दो बार पाकिस्तान की यात्रा की, जिसमें अली एहवान ने उनके ठहरने की व्यवस्था की। वह एक पीआईओ के साथ इंडोनेशिया के बाली भी गई।
गौरतलब है कि 13 मई को दानिश को जासूसी गतिविधियों में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में भारत ने निष्कासित कर दिया था। शनिवार को मल्होत्रा के अलावा पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में पांच अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया।