राहुल को सीरियस मत लो, उन्हें सर्वे—सस्पेंस का अंतर नहीं पता : धर्मेंद्र प्रधान

नई दिल्ली। आजादी के बाद पहली बार देश में कास्ट सेंसस यानी जाति जनगणना होगी। केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल की इसकी घोषणा की। सरकार के फैसले पर विपक्ष ने खुशी जताई। कांग्रेस ने इसके लिए राहुल गांधी को श्रेय दिया। केंद्रीय मंत्री भाजपा नेता धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को जाति जनगणना पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने 50% आरक्षण सीमा खत्म करने के सवाल पर कहा- राहुल गांधी की बातों को गंभीरता से लेना ही नहीं चाहिए। उन्हें सर्वे और सेंसस के बीच का अंतर भी नहीं पता।
उन्होंने कहा- यह जाति जनगणना का फैसला लिया गया तो कुछ लोग बौखलाए हुए हैं। वे कहते हैं- सरकार उनकी है, पर सिस्टम हमारा है, लेकिन सवाल ये है कि 1951 में सरकार और सिस्टम किसके हाथ में था? तब यह निर्णय क्यों नहीं लिया गया?
प्रधान ने कह- ऐसा इसलिए नहीं हो पाया, क्योंकि पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सहित पूरी कांग्रेस जातिगत आरक्षण की सबसे कट्टर विरोधी थी। अगर बापू (महात्मा गांधी), सरदार पटेल, संविधान सभा न होते तो कांग्रेस आरक्षण भी नहीं होने देती।
इधर, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को कहा- आज तक केंद्र सरकार ने जाति जनगणना के लिए पर्याप्त फंड नहीं बांटा है। बिना फंड के सर्वे कैसे किया जा सकता है? सरकार को जाति जनगणना के लिए समय-सीमा भी बतानी चाहिए। सरकार को 2-3 महीने में सर्वे शुरू कर देना चाहिए।