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छग: बीजापुर में सबसे बड़ा नक्सल विरोधी अभियान, 1500 नक्सली फंसे

बीजापुर| छत्तीसगढ़ के बीजापुर में इस समय सबसे बड़ा नक्सल विरोधी अभियान चल रहा है। इस सप्ताह की शुरुआत में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा के वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों द्वारा अभियान चलाया गया। अब तक तीन नक्सली मारे जा चुके हैं। इलाके में करीब 1500 हथियारबंद नक्सली मौजूद हैं।

तीन राज्यों महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के सुरक्षाकर्मियों द्वारा संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है। तीन दिन पहले शुरू हुए अभियान में अब तक कम से कम तीन नक्सली मारे जा चुके हैं। यह अभियान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा नक्सलियों को दी गई कड़ी चेतावनी के करीब दो महीने बाद शुरू किया गया है। उन्होंने क्षेत्र से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए 31 मार्च, 2026 की समयसीमा तय की है। सूत्रों के अनुसार, मोस्ट वांटेड सीपीआई माओवादी कमांडर हिडमा और देवा अपने कैडरों के साथ इलाके में मौजूद हैं।

छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर सुरक्षाकर्मी

सूत्रों ने आगे दावा किया कि छत्तीसगढ़ की ओर से सुरक्षा बलों की तीन बटालियन भेजी गई हैं। तेलंगाना की ओर से ग्रेहाउंड बल अभियान में शामिल है। इन दोनों बलों के अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) भी संयुक्त अभियान में हिस्सा ले रहा है। राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा, एडीजी नक्सल ऑप्स, आईजी बस्तर, सीआरपीएफ आईजी बलों की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। सुरक्षाकर्मी नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। बचाव अभियान में मदद के लिए भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टर भी अभियान में शामिल हैं।

नक्सलवाद पर अमित शाह ने क्या कहा?

इस साल फरवरी में शाह ने 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने का संकल्प लिया था। 17 अप्रैल को नीमच में सीआरपीएफ के 86वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए शाह ने अगले साल मार्च तक नक्सलवाद को खत्म करने की केंद्र की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि भारत के सिर्फ चार जिलों तक सीमित नक्सलवाद को 31 मार्च 2026 तक खत्म कर दिया जाएगा और सीआरपीएफ इस मिशन की रीढ़ है। शाह ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सीआरपीएफ जहां भी तैनात होगी, जीत जरूर मिलेगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा में सीआरपीएफ का योगदान बेमिसाल है, चाहे वह कश्मीर घाटी में आतंकवादियों से लड़ना हो या पूर्वोत्तर में शांति सुनिश्चित करना हो। सीआरपीएफ के योगदान पर प्रकाश डालते हुए शाह ने आगे कहा, आपमें से 2,264 ने अपने प्राणों की आहुति दी है।

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