एआई वॉर तेज: अब मेटा ने लॉन्च किया एल1अमा 4

नई दिल्ली। दुनिया की दिग्गज टेक कंपनियों के बीच एआई वॉर तेज होती दिख रही है। चैटजीपीटी और जेमिनी को टक्कर देने के लिए मेटा ने एल1अमा लॉन्च किया है। एलlअमा 4 स्काउट एक हल्का मॉडल है, जो सिंगल एनवीडिया एच100 जीपीयू पर चल सकता है। मैवेरिक जीपीटी 4ओ और डीपसीक वी3 जैसे मॉडल्स जैसा हाई-परफॉर्मेंस मॉडल है। मेटा एक तीसरे सुपर मॉडल पर भी काम कर रहा है जिसका नाम एल1अमा 4 बेहेमॉथ है।
मेटा ने अपनी नई एआई सीरीज एल1अमा 4 को लॉन्च कर दिया है, जो सीधे तौर पर ओपन एआई के जीपीटी-4 और गूगल जेमिनी जैसे चैटबॉट्स को चुनौती देती है। इस बार कंपनी ने दो नए मॉडल, एल1अमा 4 स्कॉट और और एल1अमा 4 मैवेरिक लॉन्च किए हैं, जबकि एक सुपर-पावरफुल मॉडल एल1अमा 4 बेहेमॉथ पर काम जारी है। मेटा का दावा है कि इनके परफॉर्मेंस, खासकर लॉजिकल रीजनिंग और कोडिंग टास्क में मौजूदा टॉप एआई मॉडल्स से बेहतर हैं। साथ ही ये मॉडल मेटा एआई चैटबॉट में भी इंटीग्रेट किए जा रहे हैं, जो व्हाट्सएप, इंस्ट्राग्राम और मेसेंजर जैसे प्लेटफॉर्म्स पर इस्तेमाल होगा।
मेटा के साथ-साथ मार्क जुकरबर्ग ने भी खुद अपने लेटेस्ट लैंगुएज मॉडल्स (एलएलएमएस) की जानकारी लोगों के साथ शेयर की। इसमें दो प्रमुख वर्जन शामिल हैं, जिसमें पहला एल1अमा 4 स्कॉउट है। यह एक हल्का मॉडल है जिसे एक सिंगल एनवीडिया एच100 जीपीयू पर चलाया जा सकता है। इसमें 10 मिलियन टोकन का कॉन्टेक्स्ट विंडो है और इसका टारगेट है हाई-क्वालिटी आउटपुट कम रिसोर्स में देना। परफॉर्मेंस के मामले में यह मिस्ट्रल 3.1 और गूगल गेम्मा 3 जैसे हल्के मॉडल्स से बेहतर है। वहीं, दूसरा एल14अमा 4 मैवेरिक है, जो एक हाई-परफॉर्मेंस मॉडल है, जो जीपीटी 4ओ और डीपसीक-वी3 जैसे एडवांस्ड मॉडल्स के बराबर या उनसे बेहतर रिजल्ट देने का दावा करता है। खासतौर पर कोडिंग और लॉजिकल टास्क में इसकी परफॉर्मेंस काफी प्रभावशाली बताई जा रही है।
मेटा एक तीसरे सुपर मॉडल पर भी काम कर रहा है, जिसका नाम एल1अमा 4 बेहेमॉथ है। इसमें 2 ट्रिलियन पैरामीटर्स होंगे और 288 बी एक्टिव पैरामीटर्स के साथ ये अभी तक का सबसे बड़ा मेटा मॉडल हो सकता है। दावा किया गया है कि यह जीपीटी-4.5 और क्लाउड 3 सोनेट जैसे मॉडल्स को भी पछाड़ सकता है। इस बार मेटा ने इन मॉडल्स में मिक्सर आफ एक्सपर्ट आर्किटेक्चर का इस्तेमाल किया है। इसका फायदा ये है कि सारे पैरामीटर्स एक साथ एक्टिव नहीं होते, जिससे तेज़ स्पीड और बेहतर एफिशिएंसी मिलती है।
मेटा ने यह भी कन्फर्म किया है कि इसके एआई मॉडल अब व्हाट्सएप, मेसेंजर, इंस्टाग्राम और वेब जैसे प्लेटफॉर्म्स में मेटा एआई के जरिए इंटीग्रेट किए जा रहे हैं। इससे यूज़र्स को पहले से ज्यादा स्मार्ट और इंटरैक्टिव चैटबॉट एक्सपीरियंस मिलेगा। हालांकि, मेटा के इस मॉडल को पूरी तरह ओपन-सोर्स नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इसकी लाइसेंसिंग में कमर्शियल यूज को लेकर कुछ सीमाएं हैं। ओपन सोर्स इनसिएटिव जैसी संस्थाओं ने इस पर सवाल भी उठाए हैं। मेटा ने इन सभी एलान की डिटेल्स 29 अप्रैल को होने वाली ए1अमाकॉन कॉन्फ्रेंस में साझा करने का प्लान बनाया है।