भारत ने सुखोई 30 एमकेआई को बनाया और विनाशक

बीजिंग। चीनी स्टील्थ फाइटर जेट जे-35 को काउंटर करने के लिए भारत ने अपने सुखोई 30 एमकेआई को विनाशक बनाने का रास्ता साफ कर लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय वायु सेना के एक अधिकारी ने एसयू-30 एमकेआई के अपग्रेडेशन को लेकर बहुत बड़ा खुलासा किया है। अधिकारी ने जोर देकर कहा है कि भारत का अपडेटेड सुखोई फाइटर जेट चीन के फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट जे-35ए को धूल चटा देगा। चूंकि पाकिस्तान चीन से जे-35ए फाइटर जेट खरीदने वाला है और पिछले साल से ही वो भारत को धौंस दिखाने की कोशिश कर रहा था, इसीलिए भारत के सामने चीनी फाइटर जेट को काउंटर करने की जरूरत थी और इस अपग्रेडेशन के बाद पाकिस्तानी जेट किसी काम का नहीं रहेगा।
भारतीय अधिकारी ने कहा है कि चीनी जे-35ए पूरी तरह से स्टील्थ फाइटर जेट नहीं हैं, लेकिन रडार को चकमा देने के लिए उसमें कुछ टेक्नोलॉजी शामिल किए गए हैं। इसे भारत का स्वदेशी विरुपाक्ष रडार आसानी से ट्रैक कर लेगा। वहीं अस्ट्रा एमके 3 आई मिसाइल से लैस एडवांस सुखोई एसयू-30 एमकेआई फाइटर जेट पाकिस्तानी फाइटर जेट को ट्रैक कर लेगा, जिससे उसे मार गिराना काफी आसान हो जाएगा।
भारत ने एसयू-30 एमकेआई को बनाया जे-35 का काल!
आपको बता दें कि एसयू-30 एमकेआई को भारत ने रूस से खरीदा है और इसका प्रोडक्शन भी अब भारत में ही होता है। इसे भारतीय वायुसेना के लिए रीढ़ की हड्डी कहा जाता है और भारत ने इसमें कई अपग्रेडेशन किए हैं। इसमें विरुपाक्ष-एलियम नाइट्राइड (जीएएन आधारित सक्रिय इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन किए गए एरे (एईएसए) रडार के साथ 2400 ट्रांसमिट/रिसीव मॉड्यूल (टीआरएम) शामिल किया गया जाएगा। इसके अलावा इसमें एस्ट्रा एमके 3आई मिसाइल भी लगाया जाएगा। जो एक बियॉन्ड-विजुअल-रेंज मिसाइल है। ऐसा करने से जे-35ए उड़ाने वाले किसी भी पाकिस्तानी पायलट के लिए भारतीय रडार और भारतीय मिसाइल से बचना लगभग नामुमकिन होगा।
भारतीय वायुसेना के अधिकारी ने विरुपाक्ष रडार की अत्याधुनिक क्षमताओं के बारे में जबरदस्त जानकारियां दी हैं। उन्होंने कहा है कि इसमें जीएएन-आधारित टेक्नोलॉजी और हाई टीआरएम कैलकुलेशन क्षमता है, जिसकी वजह से ये रडार जे-35ए जैसे सेमी-स्टील्थ विमानों को काफी बीवीआर दूरी पर ही पता लगाने में सक्षम हो जाता है। ये करीब 300 से 400 किलोमीटर के दायरे में आने वाले लड़ाकू विमानों को पता लगाने में सक्षम है। अधिकारी ने आईडीआरडब्ल्यू से कहा, चीनी जे-35ए में अपने रडार सिग्नेचर को कवर करने के लिए स्टील्थ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है, लेकिन यह एक स्टील्थ जेट नहीं है, जिसकी वजह से इसे ट्रैक करने के बाद आसानी से मार गिराया जा सकेगा। रडार की एडवांस इलेक्ट्रॉनिक स्कैनिंग, बेहतर रेंज और जामिंग के प्रति प्रतिरोध इसे मिनी-अवाक्स के रूप में स्थापित करता है। लिहाजा ये एक विनाशकारी फाइटर जेट बन जाता है।
चीन ने जे-35 लड़ाकू विमान पाकिस्तान को बेचकर भारत के खिलाफ टू फ्रंट वार के दौरान बढ़त हासिल करने की कोशिश की है। पाकिस्तान करोड़ों डॉलर का कर्ज लेकर इस फाइटर जेट को खरीदेगा, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था, जो पहले से ही रसातल में है, वो और डूब जाएगी, लेकिन अपनी अर्थव्यववस्था को मिट्टी में मिलाने के बाद भी अगर उसे बढ़त हासिल नहीं हो पाई तो उसके पास सिर पटकने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचेगा। भारतीय वायुसेना के अधिकारी ने कहा है कि भारतीय सुखोई एडवांस फाइटर जेट, चीनी जे-35ए स्टील्थ विमान को युद्ध में पछाड़ देगा।