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शाह बोले- कांग्रेस सरकार ने मुझे असम में पीटा

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को असम के जोरहाट में कहा- 2016 में भाजपा सरकार बनने से पहले कांग्रेस ने असम को दंगों की आग में झोंक रखा था। मुझे भी असम में कांग्रेस सरकार ने पीटा था। हितेश्वर सैकिया असम के मुख्यमंत्री थे और हम पूर्व PM इंदिरा गांधी के खिलाफ नारे लगाते थे। मैंने भी असम में सात दिनों तक जेल का खाना खाया और पूरे देश से लोग असम को बचाने आए। आज असम विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। शाह ने जोरहाट में पुनर्निर्मित पुलिस अकादमी के पहले चरण का उद्घाटन किया और दूसरे चरण की नींव रखी।

शाह ने कहा कि लाचित बरफुकन पुलिस अकादमी आने वाले पांच सालों में देशभर में सर्वश्रेष्ठ पुलिस अकादमी बन जाएगी। मैं असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा को आहोम साम्राज्य के सेनापति लाचित बरफुकन के नाम पर इस अकादमी का नाम रखने के लिए धन्यवाद देता हूं। बहादुर योद्धा लाचित बरफुकन ने मुगलों के खिलाफ असम को विजयी होने में मदद की थी। लाचित बरफुकन केवल असम राज्य तक ही सीमित थे, लेकिन आज लाचित बरफुकन की जीवनी 23 भाषाओं में पढ़ाई जा रही है।

दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पूर्वोत्तर के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। वह शुक्रवार देर शाम शाह असम के जोरहाट पहुंचे। इस दौरान गृह मंत्री ने एक्स हैंडल पर पोस्ट में लिखा कि वह पूर्वोत्तर राज्यों में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की समीक्षा करेंगे और ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन के 57वें वार्षिक सम्मेलन में बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र में अपने युवा मित्रों से भी मिलेंगे। शाह ने कहा- मैं सभी कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं।

रविवार सुबह गृह मंत्री ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (एबीएसयू) के 57वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करने के लिए असम के कोकराझार जिले के डोटमा के लिए रवाना होंगे। शाह दोपहर में गुवाहाटी लौटेंगे और पूर्वोत्तर क्षेत्र के आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ भारतीय न्याय संहिता की प्रगति की समीक्षा करेंगे। शाह रविवार रात दिल्ली रवाना हो जाएंगे।

शाह के दौरे से चलते सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

मिजोरम के डीजीपी अनिल शुक्ला ने बताया कि गृह मंत्री शाह के दौरे से पहले राज्य में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। सुरक्षा बलों को गृह मंत्री के दौरे के दौरान सतर्क रहने के लिए कहा गया है। राज्य पुलिस के अलावा प्रमुख मार्गों और स्थानों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए बीएसएफ और सीआरपीएफ से अतिरिक्त बल भी बुलाए गए हैं।

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