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GIS: 2 साल में निवेश प्रस्ताव दोगुने, सीएस करेंगे प्रगति की निगरानी

भोपाल| राजधानी भोपाल में मंगलवार को संपन्न हुए दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) में किए गए निवेश प्रस्तावों को क्रियान्वित करने के लिए बातचीत चल रही है। दो साल पहले इंदौर में आयोजित जीआईएस में 15.42 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले थे, लेकिन 1.95 लाख करोड़ रुपए के प्रस्ताव ही क्रियान्वित हो पाए थे। इस बार सरकार ने क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन, संवाद सत्र और जीआईएस में 30.77 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिलने का दावा किया है। सरकार के सामने मुख्य चुनौती इन निवेश प्रस्तावों को हकीकत में बदलना है।

सरकार को कुछ काम जिसके लिए जीआईएस में प्रस्ताव मिले हैं, उन्हें टेंडर के जरिए देने हैं। एनएचएआई, नवीकरणीय ऊर्जा, खनन और शहरी विकास कुछ ऐसे काम हैं, जिन्हें सरकार को टेंडर के जरिए देना है। सरकार को इन परियोजनाओं के लिए धन जुटाने के लिए प्रयास करने होंगे और जल्द से जल्द टेंडर जारी करने होंगे।

सूत्रों के अनुसार मुख्य सचिव अनुराग जैन को जीआईएस में प्राप्त व्यावसायिक प्रस्तावों को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी दी गई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जैन को हर विभाग से संबंधित निवेश प्रस्तावों पर तेजी से काम करने की सलाह दी है। नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी कहा कि प्रस्तावों को क्रियान्वित करना नौकरशाही की जिम्मेदारी होगी। यादव जीआईएस में प्राप्त प्रस्तावों पर अधिकारियों से चर्चा कर सकते हैं।

बड़े प्रस्तावों की जिम्मेदारी अधिकारियों को मिलेगी सरकार निवेश प्रस्तावों से निपटने की जिम्मेदारी अधिकारियों को सौंपने की तैयारी कर रही है। बड़े प्रस्तावों के लिए सरकार हर कंपनी के लिए एक अधिकारी तैनात कर सकती है। अधिकारियों को विभिन्न विभागों के प्रस्तावों के सिलसिले में अलग-अलग कंपनियों में भेजा जा सकता है।

जीआईएस के समापन समारोह में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि सभी विभागों के प्रमुख हर सप्ताह प्रस्तावों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। सरकार इस मुद्दे को संभालने के लिए एक समिति गठित करने पर भी विचार कर रही है।

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