मध्यप्रदेश

42 हजार आबादी ग्रामों में 38 हजार ग्रामों के नक्शे बदले

भोपाल| ग्रामवासियों को उनकी संपत्ति पर संपूर्ण हक का अभिलेख देने के लिए शुरू की गई स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्यों में शामिल है।

स्वामित्व योजना में भारत सरकार की सर्वेक्षण इकाई सर्वे आफ इंडिया की सहायता से पहली बार ग्रामों में बसाहट क्षेत्र पर ड्रोन उडाकर नक्शों का निर्माण और इसके आधार पर डोर-टू-डोर सर्वे के माध्यम से अधिकार अभिलेखों का निर्माण किया जा रहा है।

स्वामित्व योजना में 2018 के पूर्व से निवासरत संपत्ति धारकों के अधिकार अभिलेख तैयार किए जा रहे है। आबादी भूखंड स्वामी उसके खसरा, प्लाट की डिजिटली प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त कर विभिन्न सेवाओं जैसे कि-बैंक से ऋण, भूखंड की खरीद-बिक्री, भूखंड का नामांतरण, बटवारा, विवाद रहित स्वामित्व आदि सेवाओं का लाभ तत्काल प्राप्त कर सकते है।

प्रदेश में ड्रोन फ्लाईंग का कार्य शुरू कर लक्षित 36 लाख अधिकार अभिलेखों में 29 लाख अधिकार अभिलेखों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। साथ ही प्रदेश के लक्षित 42 हजार आबादी ग्रामों में से 38 हजार ग्रामों में नक्शों का संशोधन कार्य पूरा कर लिया गया है और 28 हजार 864 ग्रामों के अधिकार अभिलेखों का कार्य पूर्ण कर भू-अभिलेख पटल पर उपलब्ध करवा दिए गए है।

आयुक्त, राजस्व ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि स्वामित्व योजना का प्रदेश में दिसम्बर 2024 तक क्रियान्वयन पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आयुक्त, राजस्व ने बताया कि स्वामित्व योजना क्रांतिकारी योजना है इससे व्यापक आर्थिक और समाजिक बदलाव आएगा। यह योजना ग्रामों की संपत्ति को पूंजी में बदलेगी।

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