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जिनके 2 से ज्यादा बच्चे, आगे वही चुनाव लड़ेंगे: चंद्रबाबू

अमरावती. आंध्र प्रदेश के सीएम एन.चंद्रबाबू नायडू ने आबादी को लेकर नई बहस छेड़ दी है। चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि राज्य में लोगों की बढ़ती औसत उम्र चिंता का विषय है। परिवारों को कम से कम दो या उससे ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए। आने वाले समय में जिनके दो या उससे ज्यादा बच्चे होंगे, वहीं स्थानीय निकाय चुनाव लड़ पाएंगे। राज्य सरकार इसके लिए जल्द ही कानून बनाएगी।
सीएम नायडू ने कहा कि आंध्रप्रदेश के कई जिले ऐसे हैं, जहां गांवों में सिर्फ बुजुर्ग ही बचे हैं। दक्षिण राज्यों में फर्टिलिटी रेट लगातार गिरता जा रहा है। देश में औसत प्रजनन दर जहां 2.1 है, वहीं साउथ स्टेट्स में यह आंकड़ा गिरकर 1.6 तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि पहले वह पॉपुलेशन कंट्रोल की बात करते थे, लेकिन अब स्थिति बदल गई है।
केंद्र की यूथ इन इंडिया-2022 रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2036 तक देश की 34.55 करोड़ आबादी ही युवा होगी, जो अभी 47% से अधिक है। अभी देश में 25 करोड़ युवा 15 से 25 साल के बीच के हैं। आगामी 15 वर्षों में इसमें और तेजी से गिरावट आएगी। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) की इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023 के मुताबिक, 2011 में भारत में युवा आबादी की औसत उम्र 24 साल थी, जो अब 29 साल रह गई है। वर्ष 2036 तक भारत में बुजुर्ग आबादी का 12.5%, 2050 तक 19.4% तो इस सदी के आखिरी तक 36% होंगे।
दरअसल, नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS-5) के मुताबिक, भारत में हर महिला औसतन दो या उससे ज्यादा बच्चे को जन्म देती है। हालांकि, इनमें से कई बच्चे ऐसे हैं जो 18 साल तक जीवित नहीं रहते। वहीं कुछ महिलाएं बच्चे पैदा नहीं कर पातीं।
फिलहाल नेशनल लेवल पर 2.1 फर्टिलिटी रेट होना चिंताजनक नहीं है। यह इस बात का संकेत देता है कि एक जेनरेशन दूसरी जेनरेशन को बदल सकती है। यदि किसी देश का टोटल फर्टिलिटी रेट (TFR) लंबे समय तक 2.1 से नीचे गिरती है, तो यह आम तौर पर जनसंख्या में गिरावट का संकेत देता है।
भारत की जनसंख्या साल 2036 में 152.2 करोड़ तक हो सकती है। इसको लेकर सांख्यिकी एवं कार्यक्रम मंत्रालय ने 12 अगस्त को एक रिपोर्ट जारी की थी।
इसमें बताया गया था कि सेक्स रेशो 2036 तक प्रति 1000 पुरुषों पर 952 महिलाओं तक पहुंचने की उम्मीद है। 2011 की जनगणना में यह आंकड़ा 943 था।
रिपोर्ट की मानें तो जनसंख्या में महिलाओं के प्रतिशत में भी थोड़ा-बहुत सुधार देखने को मिल सकता है। साल 2036 में महिलाओं का प्रतिशत बढ़कर 48.8% होने की उम्मीद है। 2011 में यह 48.5% था। फर्टिलिटी रेट में गिरावट के चलते 15 साल से कम उम्र के लोगों का रेशो साल 2011 के मुकाबले साल 2036 में घटने का अनुमान है। इस दौरान 60 साल और उससे ज्यादा उम्र की जनसंख्या का रेशो में काफी तेजी से बढ़ेगा।
यूनाइटेड नेशन्स की हेल्थ एजेंसी यूनाइटेड नेशन्स पॉपुलेशन फंड (UNFPA) ने अप्रैल 2024 में एक रिपोर्ट में दावा किया था कि भारत की जनसंख्या पिछले 77 सालों में दोगुनी हो चुकी है। यह 144.17 करोड़ पहुंच चुकी है।