4.5 लाख पेंशनर्स को तोहफा, अब 55% मिलेगी महंगाई राहत
भोपाल। मध्य प्रदेश की मोहन यादव कैबिनेट ने प्रदेश के 4.5 लाख पेंशनभोगियों के लिए पेंशन, पारिवारिक पेंशन और संकट राहत राशि में वृद्धि को मंजूरी दे दी है। छठे और दीर्घकालिक वेतनमान के तहत पेंशन पाने वाले पेंशनभोगियों को अब 53% से बढ़कर 55% तक मिलेगा।
वहीं, पुराने वेतनमान के तहत पेंशन पाने वाले पेंशनभोगियों को अब अपनी पेंशन में 2% की वृद्धि मिलेगी। यह लाभ 1 सितंबर, 2025 से शुरू होगा। जनवरी 2025 में कर्मचारियों के असंतोष के कारण 2% की वृद्धि हुई थी, लेकिन बैलेंस शीट में कोई राहत नहीं मिली। अब इस पैकेज को वापस ले लिया गया है।
हालांकि, सरकार ने आठ महीने के बकाया की राशि स्पष्ट नहीं की है। पेंशनभोगियों की शिकायत है कि उन्हें यह राशि सामान्य रूप से नहीं मिल रही है। पेंशन और पारिवारिक पेंशन में वृद्धि से इस वित्तीय वर्ष में सरकार पर लगभग 170 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ेगा। छत्तीसगढ़ सरकार पेंशन वृद्धि पर सहमत है।
भावांतर योजना का विचार, श्री अन्ना महासंघ डेमोक्रेट्स का होगा गठन
कैबिनेट ने सोयाबीन के दामों को बाजार भाव से कम मिलने पर लागू करने के लिए एक भावांतर योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत, राज्य सरकार किसानों को पौधे और बाजार भाव के बीच के अंतर की भरपाई करेगी। श्री अन्ना महासंघ का गठन करके कोदों-कुटकी के लिए एक तृतीय भाव स्थापित करने को भी मंजूरी दी गई है। निवाड़ी में भाजपा अपार्टमेंट और भोपाल के मुजफ्फरनगर डोबरा में आईआईआईटी के लिए भूमि को भी मंजूरी दी गई है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि सोयाबीन का भाव 5,328 रुपए है। बाजार भाव अक्सर मसालों से कम होता है। कुछ जगहों पर बाजार भाव कम होते हैं। किसानों को कनेक्शन के बराबर कीमत मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए भावांतर योजना शुरू की गई है।
भावांतर योजना से किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा
विजयवर्गीय ने कहा कि किसानों से कोई लाभ नहीं लिया जा सकता। यदि राज्य की सभी मंडियों से मॉडल रेट हटाकर सोयाबीन कम दर पर बेचा जाता है, तो राज्य सरकार मॉडल रेट और खरीद मूल्य के बीच के अंतर का भुगतान भावांतर के रूप में करती है। भावांतर योजना से किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा। भारत सरकार के प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के अंतर्गत सोयाबीन वितरण स्टॉक को वर्ष 2025 के लिए भावांतर भुगतान योजना के रूप में लागू किया जाएगा।
1000 रुपए भी भावांतर के रूप में दिए जांएंगे
दो हफ़्ते के अंतराल के बाद आज हुई मोहन सरकार की बैठक में मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि किसानों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। अगर किसानों को भावांतर के रूप में 500-700 या 1000 रुपए भी देने पड़े, तो उसकी ज़िम्मेदारी सरकार की होगी। सरकार ने 3 से 10 अक्टूबर के बीच मूल्य अंतर के लिए नामांकन शुरू कर दिए हैं। अब पंजीकरण 17 अक्टूबर तक खुले हैं।
सरकार ने रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना के तहत कोदों-कुटकी की ख़रीद को अंतिम रूप दे दिया है, जिसमें वर्ष 2025-26 के लिए कोदों-कुटकी का नया मूल्य निर्धारित किया गया है। विक्ट्री ग्रेड ने बताया कि एक समय यह मूल्य 2 से 3 रुपये प्रति किलो था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। राज्य में 11 चमत्कारिक किसान हैं। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि किसानों को सही मूल्य मिले।
मंत्रिमंडल की बैठक में कोदों के लिए 3,500 रुपए प्रति किलो और कुटकी के लिए 2,500 रुपए प्रति किलो की दर तय की गई। इश्की मार्केटिंग और मेमोरियल एवेन्यूज़ के बीच एक संयुक्त उद्यम, श्री अन्ना फेडरेशन के गठन का निर्णय लिया गया। फेडरेशन को श्री अन्ना प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत बिना ब्याज के 80 करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं।
मंत्रिमंडल ने इन दस्तावेजों को भी मंजूरी दी
मध्य क्षेत्र योजना समग्र 2 के अंतर्गत रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया है। रेशम की कीमत पहले 3.65 लाख रुपए प्रति रेशम थी, जिसे अब बढ़ाकर 5 लाख रुपए प्रति रेशम कर दिया गया है। सामान्य किसानों के लिए अंशदान अब 1.25 लाख रुपए और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए 50,000 रुपये निर्धारित किया गया है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की RAMP योजना के अंतर्गत, राज्य के लिए राज्य का हिस्सा 105.36 करोड़ रुपए है, जो राज्य के हिस्से का 30% है। इसके लिए एक नया बजट बनाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई। एमएसएमई को बढ़ावा देना अभी लंबित है।
उत्पादक मधु वर्मा को दिल का दौरा पड़ा। उनके साथ मौजूद विधायक ने सीपीआर देकर उनकी जान बचाई। अगर एसएएफ की 15वीं बटालियन के कांस्टेबल अरुण चौधरी के प्रयास न होते, तो उनकी जान जा सकती थी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बिना बारी के पदोन्नति का अनुरोध किया था। कैबिनेट मंत्री ने आज इसे मंजूरी दे दी। राज्य सरकार के पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों की छठी और पारिवारिक पेंशन बढ़ाने पर चर्चा के बाद एक निर्णय लिया गया।