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मध्य प्रदेश में एमएसएमई फाइनेंसिंग को बढ़ावा देने तेजी से उपस्थिति बढ़ा रहा यूग्रो केपिटल

भोपाल। एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) कर्ज देने वाली डेटा टेक एनबीएफसी यूग्रो केपिटल लिमिटेड भारत की एमएसएमई में व्याप्त कर्ज के अंतर को पाटने के राष्ट्रीय मिशन के तहत मध्यप्रदेश में अपनी उपस्थिति को सशक्त कर रहा है। जबलपुर, कटनी, सतना और रीवा जैसे शहरों में अपनी 42 शाखाओं के साथ, यूग्रो मध्य भारत की असली अर्थव्यवस्था को सेवा दे रहा है। इन एमएसएमई में कपड़ा उद्योग, खनिज और पत्थर के व्यापार से जुड़े उद्यमी, सीमेंट क्लस्टर और छोटी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट से जुड़े लोग शामिल हैं। ये सभी सेक्टर के एमएसएमई संचालक अपने कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए उसे भरोसेमंद कर्ज पर निर्भर है जो समय और जरूरत पर मिल जाए।

मध्य प्रदेश में 16.5 लाख से अधिक पंजीकृत एमएसएमई हैं। इनका कुल साझा निवेश 53,000 करोड़ रुपए से ज्यादा है। ये छोटे मझौले उद्योगों ने प्रदेश में 8.6 लाख लोगों को रोजगार दिया है। राज्य की मजबूत सड़क संपर्क और सरकारी नीतियां राज्य के एमएसएमई इकोसिस्टम को देश के सबसे बेहतर ईकोसिस्टम वाले राज्यों में शुमार करती है। समय पर कर्ज मिलने से स्थानीय उद्यमों को गति मिलेगी।

यूग्रो कैपिटल को पूरे देश के बाजारों का प्रदर्शन यह बताता है कि इस सेक्टर में कितना बड़ा अवसर है। वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून)में कंपनी ने 1,599 करोड़ रुपए के कर्ज दिए। पिछले वर्ष की समान अवधि यानी 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) की तुलना में यह 39% की ग्रोथ पर है। टियर-2 और टियर-3 शहरों पर खास फोकस करने वाले इसके ‘इमर्जिंग मार्केट’ चैनल ने इसी अवधि में 360 करोड़ रुपए का कर्ज दिया। कंपनी का इसका एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 2,772 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। जून 2025 तक यूग्रो का कुल एयूएम 12,081 करोड़ रुपए था। यह पूरे दशे में दो लाख से ज्यादा एमएसएमई को सेवाएं प्रदान कर रहा है।

यूग्रो की ‘सोशल इंपैक्ट रिपोर्ट’ बताती है कि उससे कर्ज लेने वाले 78% कर्जदार पहली पीढ़ी के उद्यमी हैं। इनमें से कई ने यूग्रो के माध्यम से पहली बार संस्थागत वित्त का लाभ उठाया। कंपनी का मालिकाना हक वाला ‘अंडरराइटिंग मॉडल’ छोटे व्यवसायों के लिए कर्ज को आसान और भरोसेमंद बनाता है। यह तबका अब तक औपचारिक वित्त से दूर था यानी उसे कारोबार बढ़ाने के लिए कर्ज ही नहीं मिल रहा था।

मप्र में यूग्रो केपिटल की उपस्थिति पर कंपनी के सीईओ अनुज पांडे ने कहा, “मध्य प्रदेश भारत की एमएसएमई की कहानी का केंद्र है। जबलपुर के कपड़ा और अन्य व्यापारिक केंद्रों से लेकर कटनी के खनिज-आधारित और सतना के सीमेंट इकोसिस्टम तक, इन सभी को लगातार और डेटा-आधारित कर्ज की जरूरत है। हमारी विस्तृत शाखा उपस्थिति और सेक्टर विशेष पर आधारित हमारा नजरिया राज्य भर के छोटे व्यापारियों, मैन्यूफैक्चरर और सर्विस सेक्टर को कर्ज लेने में सक्षम बनाता है। यानी यह नजरिया इन उद्यमों को कारोबार बढ़ाने के अवसर प्रदान करता है। हमारा लक्ष्य इन उद्यमियों के साथ साझेदारी करना और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने में उनकी मदद करना है।

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