वरिष्ठ सचिवों की समिति ने नगर निकायों में अविश्वास प्रस्ताव अध्यादेश लौटाया

भोपाल। मध्य प्रदेश में वरिष्ठ सचिवों की समिति ने नगर निकायों में अविश्वास प्रस्ताव लाने की समय सीमा तीन वर्ष से बढ़ाकर साढ़े चार वर्ष करने का प्रस्ताव लौटा दिया है। राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप ग्रामीण विकास विभाग नगर निकायों में अविश्वास प्रस्ताव लाने की समय सीमा बढ़ाने के लिए अध्यादेश ला रहा है।
इससे पहले सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की समय सीमा एक वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष कर दी थी। तीन वर्ष पूरे होने पर सरकार समय सीमा बढ़ाकर साढ़े चार वर्ष करना चाहती है ताकि नगर निकायों में भाजपा के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव न लाया जा सके।
सूत्रों के अनुसार, मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि इस संबंध में अन्य राज्यों द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया का अध्ययन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों के नगर निकायों में अविश्वास प्रस्ताव लाने की समय-सीमा का अध्ययन किया जाना चाहिए और फिर प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष रखा जाना चाहिए।
वरिष्ठ सचिवों की स्वीकृति मिलने के बाद प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। निकाय चुनावों में अभी दो वर्ष शेष हैं। यदि अविश्वास प्रस्ताव लाने की समय-सीमा बढ़ा दी जाती है, तो अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रावधान समाप्त हो जाएगा।
यदि किसी नगर निकाय का कार्यकाल छह माह शेष रह जाता है, तो चुनाव नहीं हो सकते। अतः अविश्वास प्रस्ताव लाने की वैधता भी समाप्त हो जाती है।