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MP-UP: 14 प्रमुख रेल खंडों पर लगेंगे ‘कवच’, रेलवे ने दी मंजूरी

indian railway kavach

भोपाल। भारतीय रेलवे बिरलानगर से उदीमोड़ रेल खंड पर उन्नत ‘कवच’ प्रणाली स्थापित करेगा, जो 102 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। रेलवे बोर्ड ने बिरलानगर-उदीमोड़ सहित 14 प्रमुख रेल खंडों पर कवच प्रणाली स्थापित करने के लिए ₹309.26 करोड़ के बजट को मंज़ूरी दी है। इस कदम का उद्देश्य ट्रेन टक्कर जैसी दुर्घटनाओं को रोकना है।

यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “सुरक्षा के प्रति शून्य सहनशीलता” नीति का हिस्सा है। कवच तकनीक को लागू करने का काम जल्द ही शुरू होगा और इसे 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।

यह परियोजना प्रयागराज, झांसी और आगरा रेलवे मंडलों के महत्वपूर्ण मार्गों को कवर करती है। इनमें शामिल कुछ रूट हैं: शिकोहाबाद-फर्रुखाबाद (103.58 किमी), धौलपुर-सरमथुरा (70 किमी), भांडई-उदीमोड़ (113 किमी), ललितपुर-खजुराहो (164 किमी), खजुराहो-महोबा (64 किमी), एट-कौंच (13 किमी), अलीगढ़-हरदुआगंज (14 किमी), आदि।

बिरलानगर-उदीमोड़ रूट पर, ग्वालियर और आसपास के इलाकों के यात्रियों सहित, इस आधुनिक तकनीक की बदौलत जल्द ही सुरक्षित और अधिक विश्वसनीय रेल यात्रा का अनुभव करेंगे।

‘कवच’ क्या है?

कवच एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली है जिसे निर्धारित गति बनाए रखकर और ट्रेन चालकों को वास्तविक समय पर सतर्क करके दुर्घटनाओं को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह न केवल गति नियंत्रण सुनिश्चित करता है, बल्कि घने कोहरे या तकनीकी खराबी के बावजूद ट्रेनों के सुरक्षित संचालन में भी मदद करता है। इसका मुख्य उद्देश्य मानवीय त्रुटियों से बचने के लिए सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत जोड़ना है, जिसे अन्य परिवहन प्रणालियों में भी अपनाया जा सकता है।

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