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जिस बच्चे का कोई नहीं, उसकी बाल कल्याण समिति*


राजगढ़ जिले में जिलाधीश श्री गिरीश कुमार मिश्रा के संरक्षण और जिला महिला बाल विकास अधिकारी श्री श्याम बाबू खरे के निर्देशन में जिला बाल कल्याण समिति अपने अध्यक्ष श्री साकेत शर्मा और cwc सदस्यगण जरूरतमंद बालको के सर्वोत्तम हित में कार्य करती आ रही है इस कड़ी में सारंगपुर माननीय प्रथम श्रेणी न्यायालय से अध्यक्ष जिला बाल कल्याण समिति राजगढ़ के नाम एक पत्र आया कि हमारे यहां xxxxx (नियमों के चलते नाम पब्लिक नहीं कर सकते है) व्यक्तियों का अमुक धाराओं के प्रकरण विचाराधीन है और वो व्यक्ति जेल में निरुद्ध है, जिसमें बताया कि विचाराधीन अमुक व्यक्ति के साथ उनका छोटा बच्चा भी रह रहा है वह बच्चा 6 वर्ष से बड़ा होकर जेल मैन्युअल के मुताबिक जेल में नहीं रह सकता है, इस पर माननीय न्यायालय और थाना लिमा चौहान के स्टाफ ने अमुक विचाराधीन xxxxx के परिवारजनों से बच्चे को जेल से बाहर रखकर अपने परिवार में रखने का बोला परन्तु कोई भी परिवारजन बालक को अपने पास रखने के लिए राजी नहीं हुआ, फिर माननीय न्यायालय ने अध्यक्ष बाल कल्याण समिति से बालक को जिले बाल संरक्षण संस्था में रखने के लिए पत्र लिखा,
जैसे ही पत्र अध्यक्ष cwc श्री साकेत शर्मा को मिला तत्काल श्री साकेत शर्मा अपने सदस्यगण सर्व श्री सुरेश चंद्रवंशी, श्रीमती रिंकू सुनेरी और श्री निलेश मालवीय के साथ जिला जेल राजगढ़ पहुंचे और संवेदनशील जिला जेल अधीक्षक श्री आलोक वाजपेयी से मिलके सारा विषय बताया, और बाल कल्याण समिति ने जेल में निरुद्ध अपने परिवारजन के साथ रह रहे बच्चे और परिवारजनों से मुलाकात की, अध्यक्ष श्री साकेत शर्मा और सदस्यों ने बच्चे और उसके परिवारजन को समझाया कि बालक को संस्था में रखने का पत्र माननीय न्यायालय से आया जिस पर हम लोग बालक को संस्था में रखने हेतु आपके पास जेल में आए है इस पर बालक और परिवारजन बिल्कुल राजी नहीं हुए और कहा कि वह अलग अलग नहीं रहेंगे जो बहुत स्वाभाविक था क्योंकि बालक बहुत छोटा था तब अध्यक्ष श्री साकेत शर्मा ने जेल के बाहर के अन्य परिवारजनों से मोबाइल पर अलग अलग बात करके बच्चे को जेल के माहौल से बाहर रखने के लिए लगातार कुछ दिन तक बार बार काउंसलिंग और समझाइश दी, बालक को कुछ दिवस और जेल में ही परिवारजन के साथ में ही रखने का आग्रह दिया, लगातार बात करते रखने के कारण आखिरकार बच्चे के मामा बालक को अपने घर पर रखने के लिए राजी हुए जिस पर जेल में बच्चे और निरुद्ध उसके पारिवारिक व्यक्ति xxxxx से मामा के यहां बालक को रखने की बाल कल्याण समिति ने सहमति ली, फिर मामा को बुलाकर जिला बाल कल्याण समिति राजगढ़ में उनसे एक आवेदन लेकर सभी ने सर्वसम्मति से जिला जेल अधीक्षक राजगढ़ को बालक की सुपुर्दगी का मामा को देने पत्र प्रेषित किया, साथ ही उसी दिवस राजगढ़ जिला जेल में जेल अधीक्षक श्री आलोक वाजपेयी और बाल कल्याण समिति अध्यक्ष श्री साकेत शर्मा की उपस्थिति में बालक के सर्वोत्तम हित में बालक की सुपुर्दगी उसके मामा को दी रात्रि में ही बालक अपने मामा नानी के घर पहुंच गया रात्रि में घर पहुंचने पर भी श्री साकेत शर्मा ने मामा से मोबाइल पर बात करके पूरी तरह सुरक्षा की संतुष्टि की,,,,

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