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करोड़ों बचत खाताधारकों को बड़ी राहत, बैंक ने पेनाल्टी हटाई

मुंबई। भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने अपने बचत खाताधारकों को बड़ी राहत दी है। 1 जुलाई, 2025 से ग्राहकों को अपने बचत खाते में न्यूनतम औसत बैलेंस (MAB) न रखने पर जुर्माना नहीं देना पड़ेगा। इस कदम से कई ग्राहकों की एक बड़ी चिंता दूर हो गई है, जिन्हें शुल्क से बचने के लिए हर महीने अपना बैलेंस चेक करना पड़ता था।

आम लोगों के लिए बड़ी मदद

इस नए नियम से खासकर कम आय वर्ग के लोगों जैसे महिलाओं, किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को मदद मिलेगी। इन समूहों को अक्सर अनियमित आय या सीमित आय के कारण न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
अब वे अतिरिक्त शुल्क की चिंता किए बिना बैंकिंग सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।

निर्णय पर पीएनबी का बयान

पीएनबी के प्रबंध निदेशक और सीईओ अशोक चंद्रा ने कहा कि यह कदम समावेशी बैंकिंग के प्रति बैंक की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि हर कोई वित्तीय तनाव के बिना बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करे। जुर्माना हटाने से विश्वास बढ़ेगा और बैंकिंग प्रणाली में भागीदारी बढ़ेगी।”

यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब सरकार वित्तीय समावेशन पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसका लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों विशेष रूप से ग्रामीण भारत को औपचारिक बैंकिंग में लाना है।

सामाजिक जिम्मेदारी की ओर एक कदम

PNB का यह कदम केवल नीतिगत बदलाव से कहीं अधिक है। यह सामाजिक जिम्मेदारी की ओर एक कदम है। कई लोग जुर्माना शुल्क के कारण बैंक खाते खोलने से डरते थे। अब वे स्वतंत्र रूप से खाते खोल सकते हैं और डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।

यह अधिक लोगों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करके डिजिटल इंडिया, जन धन योजना और अन्य योजनाओं जैसे सरकारी मिशनों का भी समर्थन करेगा।

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