इस साल 29.7 मिलियन टन गेहूं की खरीद हुई, 2021-22 के बाद सर्वाधिक

नई दिल्ली। केंद्र ने 2025-26 रबी विपणन सत्र के दौरान अब तक 29.7 मिलियन टन (एमटी) से अधिक गेहूं की खरीद की है, जो अप्रैल से जून तक चलता है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि यह 2021-22 सत्र के बाद से सबसे अधिक खरीद है।
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी को उम्मीद है कि इस वर्ष रिकॉर्ड फसल होने के कारण गेहूं खरीद का अंतिम आंकड़ा 320-325 लाख टन तक पहुंच जाएगा।
वर्ष 2024-25 में कुल गेहूं खरीद 265.9 लाख टन रही। मंत्री ने कहा कि सरकार ने विपणन वर्ष 2025-26 के लिए 312 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है।
एफसीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि गेहूं खरीद करने वाले सभी पांच प्रमुख राज्यों पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश ने पिछले वर्ष की तुलना में चालू वर्ष में अधिक गेहूं की खरीद की है। आंकड़ों के अनुसार, लगभग 62,346.23 करोड़ रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य भुगतान किया गया है, जिससे 2.27 मिलियन किसानों को लाभ हुआ है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को घोषणा की कि भारत का खाद्यान्न उत्पादन 2024-25 में 106 लाख टन से अधिक बढ़कर 1,663.91 लाख टन हो गया है, जो पिछले वर्ष के इसी आंकड़े से 6.83 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
चौहान ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 2023-24 में देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन लगभग 15,57.6 लाख टन था। मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 2024-25 में यह 16,63.91 लाख टन हो गया है। मंत्री ने कहा, “2023-24 में रबी फसल का उत्पादन 1600.06 लाख टन था, जो अब बढ़कर 1645.27 लाख टन हो गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय का विजन न केवल देश की खाद्यान्न आवश्यकता को पूरा करना है, बल्कि भारत को दुनिया की खाद्य टोकरी बनाना भी है।