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ब्रिटेन में पढ़ना-नौकरी करना हुआ महंगा, सैलानियों को भी ढीली करनी होगी जेब

लंदन। ब्रिटेन ने इमिग्रेशन प्रणाली में बड़े बदलाव किए हैं। ये बदलाव कल यानी 9 अप्रैल से लागू हो जाएंगे। इन बदलावों से विदेशी कर्मचारियों के लिए नियम सख्त होंगे और वीजा आवेदन में खर्च भी ज्यादा जाएगा। ब्रिटेन में विदेशी छात्रों और कामगार वर्ग में एक बड़ा हिस्सा भारतीयों का है। ऐसे में इन नियमों से भारतीय भी प्रभावित होंगे। ब्रिटेन जाकर काम करने या पढ़ने के लिए अब ज्यादा पैसा खर्च करना होगा और पहले से ज्यादा मुश्किल प्रक्रिया से भी गुजरना होगा।

यूके में काम के लिए वीजा की चाह रखने वालों को अब ज्यादा फीस देनी होगी, चाहे वे विदेश से आवेदन करें या फिर यूके यूके के अंदर से ही अप्लाई करें। इसमें स्किल्ड वर्कर रूट के तहत आवेदन करने वाले लोग भी शामिल हैं। यूके होम ऑफिस ने इमिग्रेशन फीस की नई लिस्ट जारी की है। अलग-अलग वीजा कैटेगरी जैसे कि काम, पढ़ाई और घूमने के लिए आवेदन करने वाले विदेशी नागरिकों को ज्यादा फीस देनी होगी। इसके साथ ही यूके की नागरिकता के लिए भी ज्यादा पैसे देने होंगे।

कंपनियों को भी ज्यादा खर्च करना होगा

कंपनियों को भी विदेश से कर्मचारियों को काम पर रखके लिए ज्यादा खर्च करना होगा। स्किल्ड वर्कर वीजा के लिए न्यूनतम वेतन 23,200 पाउंड से बढ़कर 25,000 पाउंड प्रति वर्ष हो जाएगा। इससे नौकरी देने वाली कंपनियों और आवेदन करने वालों दोनों के लिए यह प्रक्रिया महंगी हो जाएगी। छात्रों की बात की जाए तो स्टूडेंट वीजा फीस वर्तमान 490 पाउंड से 7 फीसद बढ़कर 524 पाउंड (भारतीय 58059 रुपए) हो जाएगी।

विजिटर वीजा फीस में भी 10 फीसदी की बढ़ोतरी

ब्रिटेन विजिटर वीजा फीस में 10 फीसद की वृद्धि होगी और छह महीने के वीजा की फीस 127 पाउंड होगी। दो, पांच और दस साल के लॉन्ग-टर्म विजिट वीजा भी महंगे हो जाएंगे। डायरेक्ट एयरसाइड ट्रांजिट वीजा फीस 39 पाउंड तक हो जाएगी, जबकि लैंडसाइड ट्रांजिट वीजा फीस 70 पाउंड होगी। जिन नागरिकों को ब्रिटेन आने के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं है, उनके लिए आवश्यक ईटीए शुल्क 60 फीसदी बढ़कर 16 पाउंड हो जाएगी।

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