पाकिस्तान से अलग हो रहा है बलूचिस्तान, बीएलए ने किया तुर्बत शहर पर कब्जा

नई दिल्ली। पाकिस्तान के नियंत्रण से बलूचिस्तान तेजी से बाहर निकलता जा रहा है। वहां हालात दिन-ब-दिन गंभीर होते जा रहे हैं। हजारों बलूच नागरिक सड़कों पर उतरकर पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना इस विद्रोह को दबाने के लिए क्रूरता पर उतर आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, छोटे बच्चों तक को गोली मारकर उनकी हत्या की जा रही है। बलूचिस्तान की प्रमुख नेता महरंग बलूच समेत कई महिला नेताओं को पाकिस्तानी सेना ने अगवा कर लिया है। उनकी रिहाई की मांग को लेकर बलूचिस्तान के कई शहरों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं, इस बीच बलूच विद्रोहियों ने तुर्बत शहर पर कब्जा कर लिया है। कुछ अन्य शहरों पर भी विद्रोहियों के कब्जे की खबरें आ रही हैं। बलूच विद्रोहियों ने कई हाईवे भी बंद कर दिए हैं, जिससे हालात और बिगड़ते जा रहे हैं।
बलूचिस्तान में आजादी की लड़ाई तेज
बलूचिस्तान में स्थिति और गंभीर होती जा रही है। ऐसा लग रहा है कि बलूच आजादी की लड़ाई लड़ रहे विद्रोही, पाकिस्तान से पूरी तरह अलग होकर ही रुकेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार को विद्रोहियों ने दो अलग-अलग हमले किए, जिनमें कम से कम आठ लोग मारे गए और 17 घायल हो गए। मारे गए लोगों में ज्यादातर पाकिस्तानी सैनिक और पंजाब प्रांत के नागरिक शामिल हैं। बलूच विद्रोही खासतौर पर पंजाब के लोगों को निशाना बना रहे हैं, जिससे डर के कारण कई पंजाबी परिवार बलूचिस्तान से पलायन कर रहे हैं। गुरुवार को बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में बड़ा धमाका हुआ। वहां के बारेच मार्केट इलाके में एक पुलिस वाहन को विस्फोट में उड़ा दिया गया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं और विद्रोह की आग पूरे बलूचिस्तान में फैल रही है।
भारत से मदद मांग रहे बलूचिस्तान के लोग
बलूचिस्तान में हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार की रात ग्वादर जिले में बलूच विद्रोहियों ने एक यात्री बस रोकी और उसमें से पंजाब के रहने वाले 6 लोगों को उतारकर गोली मार दी। विद्रोहियों ने पंजाब के 3 लोगों को अगवा भी कर लिया। अब बलूचिस्तान के लोग भारत से मदद की मांग कर रहे हैं। कई बलूच नेता लगातार भारत से समर्थन की अपील कर रहे हैं। कनाडा में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के पत्रकार ताहिर असलम गोरा ने दावा किया है कि बलूच विद्रोहियों ने तुर्बत शहर पर कब्जा कर लिया है। बलूचिस्तान के कई इलाकों में तनाव बढ़ता जा रहा है और विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं।
बढ़ रहा है पाकिस्तानी सरकार पर दबाव
उन्होंने बताया कि तुर्बत शहर पर सरबचारी का कब्जा हो गया है। बता दें कि सरबचारी शब्द बलूच विद्रोहियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, बलूचिस्तान की आजादी की मांग करने वाले सशस्त्र समूहों के संगठन बलूच राजी आजोई संगर (बीआरएएस) ने पाकिस्तानी सेना, उनके सहायक बलों और खनिज संसाधनों को ले जाने वाले वाहनों पर एक साथ 48 हमले किए हैं। ग्वादर के पिसनी शहर में भी कई धमाके हुए हैं। यह वही जगह है जहां चीन अपना सीपीईसी प्रोजेक्ट चला रहा है। बलूच विद्रोही लगातार हमलों को तेज कर रहे हैं, जिससे पाकिस्तान की सेना और सरकार पर भारी दबाव बढ़ गया है।
‘बलूचिस्तान के लोग भारत से मदद की उम्मीद कर रहे हैं’
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई पत्रकार ताहिर असलम गोरा ने अपने वीडियो में कहा है कि पाकिस्तान लगातार भारत पर बलूचिस्तान में अशांति फैलाने का आरोप लगा रहा है, जबकि बलूच लोगों का कहना है कि उन्हें भारत से कोई मदद नहीं मिल रही। उन्होंने भारत से बलूचों की मदद करने की अपील की है। ताहिर असलम गोरा का कहना है कि बलूचिस्तान के लोग बांग्लादेशियों की तरह अहसानफरामोश नहीं हैं। वे अपनी आजादी के लिए पूरी ताकत से लड़ रहे हैं। हजारों लोग सड़कों पर उतर चुके हैं और हर गली, मोहल्ले और जिले में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अब पाकिस्तान के अंदर से भी कई लोग पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों के खिलाफ खड़े हो रहे हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि इमरान खान की पार्टी के खिलाफ भी पाकिस्तानी सेना ने ऐसा ही जुल्म किया था। उन्होंने पाकिस्तानी सेना से अपील की है कि जिन इलाकों पर बलूच विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया है, वहां किसी भी तरह का हमला न किया जाए, ताकि आम जनता को नुकसान न पहुंचे।