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KYC के नाम पर गरीबों को राशन से वंचित करना दुर्भाग्यपूर्ण – रूपेश नागवंशी

KYC के नाम पर गरीबों को राशन से वंचित करना दुर्भाग्यपूर्ण – रूपेश नागवंशी

भाटापारा | राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चल रही KYC प्रक्रिया गरीब परिवारों के लिए गंभीर परेशानी का कारण बन गई है। कई स्थानों पर पात्र हितग्राहियों को केवल तकनीकी कारणों से राशन नहीं दिया जा रहा, जिससे आम जनता में रोष व्याप्त है। इस मुद्दे को लेकर शासन के खिलाफ तीखा विरोध सामने आया है।

रूपेश नागवंशी प्रदेश मीडिया सचिव, सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग छत्तीसगढ़ ने कहा जिन परिवारों में 6–7 सदस्य हैं, यदि उनमें से किसी एक सदस्य की भी KYC पूरी नहीं हुई, तो पूरे परिवार को राशन देने से मना किया जा रहा है। इससे गरीब और श्रमिक वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है।

ग्रामीण इलाकों में बुजुर्गों के फिंगरप्रिंट मशीन में नहीं आ रहे, वहीं कई हितग्राहियों के आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पुराने होने के कारण OTP प्राप्त नहीं हो पा रहा, जिससे KYC अधूरी रह जा रही है। इसके बावजूद राशन वितरण रोके जाने पर लोगों में नाराजगी है।

महीने की 20 तारीख बीत जाने के बाद भी कई गरीब परिवारों को राशन नहीं मिल पाया है, जबकि नियमानुसार 7 तारीख तक राशन वितरण किया जाना चाहिए। महंगाई के दौर में लोग मजबूरी में 25 से 30 रुपये प्रति किलो चावल बाजार से खरीदने को विवश हैं।

इस संबंध में आगे रूपेश नागवंशी ने कहा कि
KYC के नाम पर गरीबों का राशन रोकना अन्यायपूर्ण है। तकनीकी खामियों का खामियाजा जनता क्यों भुगते? शासन को तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए।

उन्होंने मांग की कि जब तक सभी हितग्राहियों की KYC पूरी नहीं हो जाती, तब तक राशन वितरण निर्बाध जारी रखा जाए तथा बुजुर्गों और तकनीकी समस्या से जूझ रहे लोगों को विशेष राहत दी जाए।

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