“नशा मुक्ति और वृद्धजन सेवा में जिला न्यायाधीश की करुणामयी पहल”
बच्चों को नशे से बचाना और वृद्धों को संबल देना ही सच्ची सेवा –जिला न्यायाधीश हिदायत उल्ला खान
“बच्चों को नशे से बचाना और वृद्धों को संबल देना ही सच्ची सेवा –जिला न्यायाधीश हिदायत उल्ला खान”
समाज के सामने नशा और वृद्धाश्रमों की बढ़ती संख्या जैसे गंभीर मुद्दे आज गहरे घाव का रूप ले चुके हैं। इन घावों पर मरहम लगाने का कार्य देपालपुर के जिला न्यायाधीश माननीय श्री हिदायत उल्ला खान द्वारा निरंतर किया जा रहा है।
इसी क्रम में माननीय न्यायाधीश इंदौर स्थित अंकुर रिहैब सेंटर (एल.आई.जी.) के ओ.डी.आई.सी. केंद्र में समाजसेवी डॉक्टर इशहाक खान के साथ पहुँचे। यह केंद्र बच्चों को नशे की लत से बचाने हेतु विशेष कार्यक्रम चलाता है, साथ ही ओ.पी.डी. के माध्यम से नशामुक्ति का उपचार और शिक्षा की सुविधा भी प्रदान करता है। केंद्र के इंचार्ज दीपक राजपूत द्वारा बताया गया कि अब तक 220 से अधिक बच्चे और उनके अभिभावक इस केंद्र से लाभान्वित हो चुके हैं।
केंद्र पर जिला न्यायाधीश श्री खान ने इंचार्ज दीपक राजपूत एवं उनकी टीम से कार्यप्रणाली को लेकर चर्चा की और बच्चों में बढ़ते नशे को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की।
इसके बाद जिला न्यायाधीश श्री खान गोल्ड क्वाइन संस्था द्वारा एम.आई.जी. इंदौर में संचालित महिला वृद्धाश्रम पहुँचे। वहाँ उन्होंने आश्रम संचालिका दादी जी साहित सभी वृद्धजनों का आशीर्वाद लिया और अपनी ओर से सभी को स्वल्पाहार उपलब्ध कराते हुए उनके उत्तम स्वास्थ्य की मंगलकामना की। न्यायाधीश खान ने वृद्धजनों के साथ समय बिताकर और उनके जीवन के अनुभवों को संजीदगी के साथ सुनकर उनके साहस और जज्बों को सलाम करके उनके चेहरों पर मुस्कान बिखेर दी।
इस अवसर पर उन्होंने वृद्धाश्रमों की बढ़ती संख्या पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि एकल परिवार की प्रवृत्ति इस समस्या को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने समाजसेवी संस्थाओं से इस दिशा में अधिक जागरूकता फैलाने और सुधारात्मक कदम उठाने का आह्वान किया।
जिला न्यायाधीश श्री खान की करुणा, संवेदनशीलता और सामाजिक सरोकार निश्चय ही समाज के अंधकार में नई रोशनी लेकर आएगी। उन्होंने समाजसेवियों और स्वयंसेवी संस्थाओं से भी अपील की कि वे नशा मुक्ति एवं वृद्धजन कल्याण के क्षेत्रों में और अधिक सक्रिय होकर कार्य करें।